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    रात्रि रक्त पट्ट संग्रहण गतिविधि की गुणवत्ता की जा रही है सुनिश्चित

    •तीन चरणों में किया जा रहा नाईट ब्लड सर्वे 

    •नाईट ब्लड सर्वे में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध- डॉ. अनुज सिंह रावत

    पटना- नाईट ब्लड सर्वे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य ने सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि रात्रि रक्त पट्ट संग्रहण गतिविधि के दौरान गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना है। सभी लैब तकनीशियन को सही से रक्त का संग्रहण कर स्लाइड बनाने पर विशेष ध्यान देने और ससमय उसे स्टेन करने और जांच करने पर जोर दिया जा रहा है। ज्ञात हो कि प्रथम चरण में बक्सर, भोजपुर, दरभंगा, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, नालंदा, नवादा, रोहतास, समस्तीपुर और पटना जिला में नाईट ब्लड सर्वे गतिविधि संचालित की जा रही है। 

    डॉ. अनुज सिंह रावत, राज्य फ़ाइलेरिया सलाहकार ने बताया कि सभी जिलों से प्राप्त नाईट ब्लड सर्वे की रिपोर्ट को राज्य द्वारा दुबारा जरुरी कार्यवाही के बाद सत्यापित किया जाएगा।  मालूम हो कि जिलों में नाईट ब्लड सर्वे के दौरान एकत्र किये गए नमूनों को पुनः जांच के लिए राज्य कार्यालय फाइलेरिया और क्षेत्रीय निदेशक, परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण कार्यालय द्वारा जांचा जाता है, जिसके संदर्भ में एनसीवीबीडीसी, परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भी स्पष्ट निर्देश दिया गया है। डॉ. रावत ने बताया कि इससे कार्यक्रम में दवा, अतिरिक्त श्रम व समय की बचत तो होगी ही साथ ही प्रखंड, जिला व राज्य में भी कार्यक्रम की सकारात्मक प्रगति भी स्पष्ट होगी। सभी जिलों के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि नाईट ब्लड सर्वे गतिविधि की गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाए और रिपोर्ट में किसी भी तरह की त्रुटी नहीं हो। सभी जिलों को निर्देशित है कि तय समय सीमा के अंदर नाईट ब्लड सर्वे गतिविधि की रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करें। 

    राज्य में कार्यरत सभी सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि को गतिविधि में सहयोग करने और निगरानी करने के लिए भी आग्रह किया गया है। डॉ. रावत ने बताया कि इसके साथ ही साथ जनता से भी अपील की जाती है कि गतिविधि के दौरान आपके क्षेत्र में आई हुई टीम का सहयोग करें और यथासंभव गतिविधि में अपनी सहभागिता करना भी सुनिश्चित करें। इस जनआन्दोलन में सभी का सम्मिलित प्रयास और सहयोग अत्यंत आवश्यक है क्योंकि फाइलेरिया बीमारी की जंग में स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ लगभग 40 से अधिक विभागों का सहयोग प्राप्त है और निश्चित तौर पर बिहार राज्य फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में हर संभव प्रयास करेगा।

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