महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रो. संजीव कुमार शर्मा द्वारा नवस्थापित भारत विद्या केन्द्र के तत्त्वावधान में योग समागम का आयोजन किया गया।
महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रो. संजीव कुमार शर्मा द्वारा नवस्थापित भारत विद्या केन्द्र के तत्त्वावधान में योग समागम का आयोजन किया गया। जिसमे योग गुरु डॉ. महेन्द्र प्रियदर्शी ने बनकट स्थित विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर गाँधी भवन में समस्त शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को प्राणायाम तथा योगासन का प्रशिक्षण दिया। कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा, प्रति - कुलपति प्रो. जी. गोपाल रेड्डी, भारत विद्या केन्द्र के समन्वयक प्रो. प्रसून दत्त सिंह, योग शिक्षक डॉ. महेन्द्र प्रियदर्शी और प्रो. राजीव कुमार ने दीपप्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन किया। कुलपति प्रो. सञ्जीव कुमार शर्मा ने इस अवसर पर भारतीय परम्परा में योगविज्ञान का जीवन में उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होने इस अवसर पर कहा कि योग जोड़ने का नाम है। उन्होंने कहा मि चित्त, बुद्धि, एवं इन्द्रियों का स्थिर संयोजन ही योग है, योग करने से न केवल शरीर अपितु मनुष्य का व्यक्तित्व भी प्रकाशित होता है। योग गुरु डॉ. महेन्द्र प्रियदर्शी ने अष्टाङ्ग योग का परिचय देते हुए प्राणायाम के विभिन्न प्रकारों जैसे भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी एवं अन्य योगासनों का अभ्यास करवाया तथा शरीर को स्वस्थ रखने के विभिन्न उपायों को बताया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. पद्माकर मिश्र, चाणक्य परिसर के निर्देशक प्रो. आनन्द प्रकाश, वित्ताधिकारी प्रो. विकास पारीख, छात्राधिष्ठाता कल्याण एवं संकाय अध्यक्ष प्रो. पवनेश कुमार, मानविकी एवं भाषा संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. राजेन्दर सिंह, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार शर्मा, शिक्षक एवं कर्मचारीगण छात्र ओमकार कुशवाहा और कौशर जहांगीर सहित बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्राओं ने योगाभ्यास किया। राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।
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