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    थैलेसीमिया पीड़ित गरीब बच्चों का मुफ्त इलाज शुरु: मंगल पांडेय

    -मुख्यमंत्री की पहल से शुरु हुई थैलेसीमिया का मुफ्त इलाज 

    13 बच्चों,13 डोनर्स एवं 26 अभिभावकों के साथ स्वास्थ्य मंत्री वेल्लोर के लिए हुए रवाना 

    -राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

    मुख्यमंत्री बाल थैलेसीमिया योजना गरीबों के लिए वरदान

    पटना। राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में ऊर्जा ऑडिटोरियम, शास्त्रीनगर पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में थैलेसीमिया (12 वर्ष से कम उम्र के योग्य बच्चों) के स्थायी इलाज हेतु राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान सूबे के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि राज्य के गरीब, पिछड़े व वंचित वर्ग को इस गंभीर बीमारी से बचाने की सरकारी पहल ऐतिहासिक है। जो किसी वरदान से कम नहीं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सोच है कि हर गरीब को उचित स्वास्थ्य लाभ बिना किसी भेदभाव मिले। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने सीएमसी हॉस्पिटल वेल्लोर को 3 करोड़ का चेक इलाज के लिए प्रदान किया। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने एक एप्प सेहत और आरोग्य की जानकारी (साज) नाम से लांच किया। 

    श्री पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल थैलेसीमिया योजना के तहत 15 लाख रुपया तक का मुफ्त इलाज सरकार कराएगी। थैलेसीमिया एक गंभीर आनुवंशिक रोग है, जिससे शरीर में स्वस्थ और प्रभावी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता है। जिसके कारण बच्चों को बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है। थैलेसीमिया के मरीजों के लिए एकमात्र स्थायी इलाज बोन मैरो ट्रांसप्लांट है, जो न केवल महंगा है, बल्कि जटिल भी है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए 6 अगस्त 2024 को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री बाल थैलेसीमिया योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इसी योजना के तहत प्रत्येक थैलेसीमिया (12 वर्ष से कम उम्र के योग्य बच्चों) मरीज को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से 15 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। बिहार में थैलेसीमिया के पंजीकृत रोगियों की संख्या 2 हजार 716 है।


    श्री पांडेय ने कहा कि थैलेसीमिया के मरीजों के अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण हेतु 13 बच्चों और 13 डोनर्स एवं 26 अभिभावकों को लेकर स्वयं ( 53 लोग) शुक्रवार को सी.एम.सी. हॉस्पिटल वेल्लोर के लिए वायुयान से रवाना हो रहे हैं। इन बच्चों के इलाज, डोनर्स और उनके अभिभावकों की यात्रा रहने और खाने की व्यवस्था बिहार सरकार द्वारा योजना के अनुसार निःशुल्क की गयी है। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल थैलेसीमिया योजना के तहत सीएमसी, वेल्लोर के साथ एमओयू साइन हुआ है। सीएमसी वेल्लोर के साथ एमओयू साइन करने वाला बिहार देश में पहला राज्य है। इसके लिए उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया। सीएमसी वेल्लोर के निदेशक डॉ विक्रम मैथ्यूज ने कहा कि हमारा इंस्टिट्यूट देश को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम करता रहा है और हम सब मिलकर इस देश को और आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री का यह योगदान बहुत सराहनीय है। सीएमसी वेल्लोर के हेमेटोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एबी अब्राहम ने कहा कि 4 दशक पहले सीएमसी, वेल्लोर में 1984 में अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की शुरुआत हुई थी। इस कार्यक्रम में श्री प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, श्री संजय कुमार सिंह, सचिव, स्वास्थ्य विभाग,  श्री सुहर्ष भगत, कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, श्री धर्मेंद्र कुमार, प्रबंध निदेशक, बीएमएसआईसीएल, श्रीमती प्रतिभा रानी, परियोजना निदेशक, बिहार एड्स कंट्रोल सोसायटी, श्री शशांक शेखर सिन्हा, विशेष सचिव, स्वास्थ्य विभाग, श्री अमिताभ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव, डॉ विक्रम मैथ्यूज, निदेशक, सीएमसी, वेल्लोर, डॉ. एबी अब्राहम, एमडी, डीएम, प्रोफेसर, हेमेटोलॉजी विभाग, सीएमसी वेल्लोर आदि मौजूद रहें।

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