एकीकृत और कागज-रहित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए एप लॉन्च
मेडिफ्री डिजिटल मोबाईल एप
-एकीकृत और कागज-रहित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए एप लॉन्च
वैशाली/नई दिल्ली: देश के वरिष्ट डाक्टरों की टीम ने एक अनोखा मोबाईल एप विकसित किया है जिससे अब देश में कहीं से भी एकीकृत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है|
भारत में बना यह मोबाईल एप स्वास्थ्य सेवाओं को पूर्णतः कागज-रहित बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इस एप से रोगियों को चिकित्सकों, लैबोरेटरी, डियग्नोस्टिक सेंटर और केमिस्ट की सेवाएँ एक ही मंच पर एकीकृत ढंग से मिलती है। यह इस तरह का देश का पहला एप है जहां ऐलोपथी, होमोपथी और आयुर्वेद पद्धति के डाक्टर एक ही मंच पर उपलब्ध है।
इस एप पर रोगी खुद को निशुल्क पंजीकृत करवा सकते है जिसके उपरांत उन्हे मेडिकल रेकॉर्ड्स के लिए 12 MB का डिजिटल स्पेस मुफ़्त दिया जाता है। इस एप द्वारा डाक्टर से संपर्क करने पर रोगी की अनुमति से वह मेडिकल रेकॉर्ड्स को मोबाईल फोन पर ही देख सकता है।
"यह ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहां पर सभी सेवा प्रदाता साझा मंच से सेवाएँ प्रदान करते है जिससे समय और पैसे की बचत होगी हालांकि हमारा मानना है की रोगी को एक बार अवश्य डाक्टर से मिलने जाना चाहिए क्योंकि चिकित्सा विज्ञान में यह बहुत जरूरी होता है। सर्दी और जुकाम जैसे मामूली रोगों के लिए अनलाइन उपचार हो सकता है,’’ यह कहना है कोटा-स्थित डॉ पीयूष चत्तर, सह डायरेक्टर मेडिफ्री डिजिटल का।
मेडीफ्री डिजिटल निष्पक्ष मंच है क्योंकि इस एप से जुड़े किसी भी डाक्टर, केमिस्ट या लैब को बढ़ावा नहीं देता है। रोगी किस की सेवाएँ लेना चाहता है यह उसी पर निर्भर होता है। इस एप में रजिस्टर होने से पहले इसके फ़ायदों के वीडियो देख सकते है जिससे वह खुद से फैसला ले सकते है कि यह सुविधा उनके फायदे की है या नहीं। सभी वीडियो मेडिफ़री यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है। एक स्वस्थ्य व्यक्ति भी खुद को इस एप पर पंजीकृत कर सकता है। यह एप गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है और इसका आईओएस वर्ज़न भी जल्द उपलब्ध होगा।
पंजीकृत रोगियों को डाक्टर द्वारा दिया गया नुस्खा एस एम एस (SMS), ई-मेल और एप मैसेज द्वारा भेजा जाता है जबकि जो रोगी पंजीकृत नहीं है उन्हे नुस्खा ई-मेल और SMS द्वारा भेज जाता है। रोगियों की गोपनीयता के लिए विश्व का सबसे विश्वसनीय सॉफ्टवेयर ऐमज़ान वेब सर्वर (AWS) का इस्तेमाल किया गया है। इसके बावजूद भी पंजीकरण और स्पेस के लिए रोगियो से कोई पैसा नहीं लिया जाता है हालांकि सेवा प्रदाता अपने हिसाब से सेवाओं के लिए फीस लेते है।
मेडिफ्री सॉफ्टवेयर संपर्क-रहित सेवा होने के कारण संक्रमण से बचाव भी करेगा जिनसे कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू और अस्पताल में होने वाले संक्रमण से भी बचाव होगा। "यह सुविधा भारत में मेडिकल टुरिज़म के लिए वरदान साबित होगी,’’ कहना है मेडिफ्री डिजिटल की नई दिल्ली स्थित को-डायरेक्टर डॉ पूनम बजाज का। कागज-रहित इस मोबाईल एप पर काम करना अमरीका में कागज रहित कंप्युटर स्वास्थ्य सेवाओं पर काम करने से ज्यादा सुविधा जनक है, डॉ बजाज कहती है।
डाक्टरों के लिए भी इस एप पर नुस्खा लिखना आसान है क्योंकि उन्हे एक ही बार दवा का नाम लिखना होगा और वह ऑटो सेव हो जाएगा। रोगियों को सलाह लेने के लिए अब शहरों की तरफ नहीं आना पड़ेगा क्योंकि वह पैसे देकर काल से किसी भी डाक्टर या स्पेशलिस्ट से बात कर सकते है और डाक्टर मोबाईल फोन पर ही रोगी का मेडिकल रिकार्ड देख सकेगा। डियग्नोस्टिक सेंटर और केमिस्ट रोगियों को कम पैसों पर सेवाएं दे सकते है।
भारत में 12 लाख से ज्यादा एलोपथी, 2.5 लाख डेंटल और 9 लाख आयुष पद्धति के पंजीकृत डाक्टर रोजाना 1.5 करोड़ लोगों का उपचार करते है।
अमरीका में विश्व का सबसे विकसित कंप्युटर द्वारा संचालित हेल्थकेयर सेवाएँ है जिसमें वहाँ रहने वाले हर व्यक्ति की स्वास्थ्य रिपोर्ट उपलब्ध है। मेडिफ्री डिजिटल लगभग इसी प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करने का प्रयास है जो मोबाईल पर दी जा रही है। अमरीका में सतत घरेलू उत्पाद का 18% स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करते है जबकि भारत में यह प्रतिशत केवल 2% है हालांकि यहाँ की जनसंख्या USA से चार गुण ज्यादा है।
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