सही तकनीक से जांच के बाद सैंपल का निस्तारण भी महत्वपूर्ण: डॉ पूनम
-नाइट ब्लड सर्वे के लिए लैब तकनीशियनों का हुआ प्रशिक्षण
-प्रशिक्षुओं ने लाइव देखा माइक्रो फाइलेरिया परजीवी
मुजफ्फरपुर। नाइट ब्लड सर्वे के सैंपल की सही जांच और सटीक माइक्रोफाइलेरिया रेट को जानने के लिए बुधवार को एसकेएमसीएच में लैब टेक्निशियन में प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। मालूम हो कि आगामी 10 फरवरी से पूरे जिले में सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा। इससे पहले जिले में नाइट ब्लड सर्वे का कार्य किया जाता है, ताकि प्रखंडवार माइक्रोफाइलेरिया की दर का पता लगाया जा सके। माइक्रोफाइलेरिया की सही दर का पता लगने से एमडीए अभियान के लिए माइक्रो प्लान तैयार में सहुलियत होती है।
एसकेएमसीएच में बुधवार को 9 प्रखंड के लैब टेक्निशियन का प्रशिक्षण किया गया। उन्हें यह प्रशिक्षण एसकेएमसीएच में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ पूनम कुमारी, डॉ श्वेता, डॉ मिलन तथा पीरामल के इफ्तेखार अहमद खान ने संयुक्त रूप से दिया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने एलटी को बताया कि स्लाइड पर रक्त के सैंपल को हमेशा बाहर से अंदर की ओर अंडाकार आकृति बनाते हुए ले जाएं। इसके अलावा सैंपल को सिर्फ छांव या हवा में सुखाएं। कभी भी सैंपल को धूप में सुखाने के लिए नहीं देना है।
डॉ पूनम ने प्रशिक्षण में आए एलटी को राज्य से लाए गए छह पॉजिटिव स्लाइड से माइक्रोफाइलेरिया को भी दिखाया। इसके अलावा डॉ पूनम ने जांच की रिपोर्टिंग एवं उसमें प्रयुक्त रसायनों के बारे में भी लैब टेक्निशियन को बताया।
सैंपल का निष्पादन महत्वपूर्ण:
प्रशिक्षण के दौरान डॉ पूनम ने बताया कि सैंपल की जांच जितना सटीक होना चाहिए। उसका निष्पादन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सैंपल को खुले स्थान पर फेंकने से उस स्लाइड से संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इसलिए उसे हमेशा पहले से निर्धारित बंद डिब्बे में डाले। मौके पर जिला भीबीडीसीओ डॉ सुधीर कुमार, भीडीसीओ पुरुषोत्तम कुमार, डॉ कुमारी मिलन, डॉ श्वेता और पीरामल से इफ्तेखार अहमद खान भी मौजूद थे।
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