आरबीएसके बना वरदान: कटे होंठ-तालु वाले 13 बच्चों को मिलेगा नया जीवन, आईजीआईएमएस पटना में मुफ्त सर्जरी की पहल
वैशाली। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत जन्मजात बीमारी कटे होंठ और तालु से जूझ रहे बच्चों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, इन बच्चों को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस), पटना में मुफ्त सर्जरी और संपूर्ण देखभाल की सुविधा प्रदान की जा रही है।
वैशाली से भेजे गए 13 बच्चे:
गुरुवार को जिला स्वास्थ्य समिति, वैशाली की पहल पर, ऐसे 13 बच्चों को एक विशेष शिविर के लिए आईजीएमआईएस पटना भेजा गया। कटे होंठ और तालु की बीमारी न केवल बच्चों के खान-पान और बोलने की क्षमता को प्रभावित करती है, बल्कि यह चेहरे की सुंदरता पर असर डालकर बच्चों में हीन भावना पैदा कर सकती है।
शिविर में विशेषज्ञों की टीम ने बच्चों का गहन हेल्थ चेकअप किया। जांच के बाद, सर्जरी के लिए स्वस्थ पाए गए बच्चों का चरणबद्ध तरीके से ऑपरेशन किया जाएगा। पहले चरण में प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से होंठ का ऑपरेशन और दूसरे चरण में कुछ महीने के बाद तालु की सर्जरी की जाएगी। आरबीएसके के तहत, यह संपूर्ण सर्जरी प्रक्रिया पूरी तरह से मुफ्त होगी। साथ ही, बच्चों और उनके अभिभावकों के रहने, खाने और पीने का प्रबंध भी मुफ्त में संस्थान द्वारा किया जाएगा।
अधिकारियों ने दी जानकारी:
डीसी आरबीएसके डॉ. शाइस्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना में सफल सर्जरी के अनुभवों के बाद, यह पहल की गई है। उन्होंने इस प्रयास के लिए नोडल आरबीएसके, आईजीआईएमएस डॉ. प्रियंकर सिंह और अस्पताल समन्वयक डॉ. विवेकानंद की सराहना की। उन्होंने कहा, "यह बच्चों को नया जीवनदान देने और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की एक छोटी सी कोशिश है।"
इस महत्वपूर्ण कार्य में फार्मासिस्ट अभिषेक कुमार और राजीव कुमार ने भी पूर्ण सहयोग प्रदान किया। यह कार्यक्रम जन्मजात विकारों से जूझ रहे बच्चों के लिए एक बड़ा सहारा बन रहा है।
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