गेट्स फाउंडेशन की टीम ने किया जिला का भ्रमण
-शिशुओं के नियमित टीकाकरण को मजबूत करने पर बल
-शिशुओं को होने वाले संक्रामक बीमारियों के मामलों की ली जानकारी
गया: शिशु मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण संक्रामक बीमारियां है। संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए शिशु का नियमित टीकाकरण आवश्यक है। नियमित टीकाकरण की मदद से 12 प्रकार की संक्रमक व घातक बीमारियों से शिशु को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। जिला में चल रहे नियमित टीकाकरण कार्यों को देखने शनिवार को गेट्स फाउंडेशन द्वारा जिला का भ्रमण किया गया। टीम में शामिल गेट्स फांउडेशन के उपनिदेशक डॉ भूपेंद्र त्रिपाठी तथा कार्यक्रम पदाधिकारी, वैक्सीन, डॉ दिशा अग्रवाल शामिल थे। टीम ने सबसे पहले जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजीव अंबष्ट से मुलाकात की और शहरी क्षेत्र में टीकाकरण की जानकारी ली। डॉ राजीव अंबष्ट से टीम को बताया कि शहरी क्षेत्र में नियमित टीकाकरण की दर साठ प्रतिशत है। इसके बाद जेपीएन सदर अस्पताल स्थित जिला वैक्सीनेशन भंडार में वेक्सीनेशन भंडारण के बारे में जाना। दवाओं के भंडारण के लिए आईस स्लैंड रैफ्रिजेरेटर तथा डीप फ्रिजर में सही तापमान आदि की भी जांच की।
शिशुओं में संक्रामक रोगों के मामलों का लिया हाल:
टीम ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित शिशु रोग विभाग में प्रोफेसर तथा हेड आॅफ डिपार्टमेंट डॉ रवींद्र कुमार से मुलाकात कर शिशुओं में होने वाली संक्रामक रोग जैसे खसरा, रूबेला, डिप्थेरिया, टेटनस, पोलियो, निमोनिया, डायरिया ट्यूबरक्लोसिस, हेपेटाइटिस बी, जेपनीज इंसेफ्लाइटिस आदि रोगों के मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त किया और ऐसे मामलों में इलाज के लिए तथा टीकाकरण को और अधिक मजबूत बनायी जाने वाली रणनीति पर चर्चा की। टीम ने जिला स्तर पर चल रहे नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों और माताओं को सुरक्षित रखने के लिए यहां प्रभावी कार्य हो रहा है। टीम ने रामधुनपुर आंगनबाड़ी केंद्र संख्या आठ का भ्रमण कर वहां शहरी स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता दिवस पर चल रहे शिशु के नियमित टीकाकरण कार्य को देखा। तथा लाभार्थियों से बात कर सेवाओं के बारे में जाना। इन सेवाओं पर संतुष्टि जतायी कटारी हिल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी भ्रमण किया।
समय पर टीका नहीं लगना शिशु मृत्यु का बड़ा कारण:
डॉ भूपेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कोई भी बच्चा या गर्भवती टीकाकरण से वंचित न हो। डॉ दिशा अग्रवाल ने कहा कि शून्य से पाँच वर्ष तक के बच्चों की मौतों में सबसे बड़ी संख्या उन बच्चों की होती है, जिन्हें समय पर टीके नहीं लग पाते। भ्रमण के दौरान एएनएम, आशा और लाभार्थियों से बातचीत की गयी जिसमें सेवाओं के समय पर मिलने की पुष्टि की और संतोष जताया। यह अभियान न केवल बच्चों की जान बचाता है, बल्कि एक स्वस्थ भविष्य की नींव रखता है। सरकार का यह प्रयास मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है और इससे स्वास्थ्य सेवाओं में लोगों का भरोसा भी बढ़ रहा है।
ये लोग भी रहे टीम के साथ:
फील्ड विजिट के दौरान टीम के साथ विलियम जे. क्लिंटन फाउंडेशन से स्टेट हेड डॉ. मंदार कन्नुरे डॉ मंदार कन्नुरे, जॉन स्नो इनिशिएटिव से प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ आयुषी अग्रवाल और स्टेट लीड डॉ हसन, यूनिसेफ से एसमएसी अजय चेरोबीम तथा असजद इकबाल, पीरामल से नरेंद्र सिंह, नीरज कुमार, यूएनडीपीस से रविरंजन, प्रतिरक्षण विभाग से मकसूद, सीफार से शिकोह अलबदर व अन्य मौजूद रहे।
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