4 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को मिला एनक्वास का राष्ट्रीय प्रमाणीकरण
पटना- बिहार ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एचडब्ल्यूसी) को क्रियाशील कर ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवा को मजबूत किया है. राज्य सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए एचडब्ल्यूसी के विस्तार को प्राथमिकता दी है, जिससे बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएँ आम लोगों तक पहुँच रही हैं. आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती और बेहतर करने के जज्बे को एनक्वास प्रमाणीकरण एक अहम् भूमिका निभाता है. इसी कड़ी में राज्य के 4 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ( आयुष्मान आरोग्य मंदिर ) को एनक्वास का राष्ट्रीय प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है.
पुर्णिया जिला के चूनापुर एचडब्ल्यूसी, मधेपुरा के पररिया एचडब्ल्यूसी, मुजफ्फरपुर के बिशनपुर एचडब्ल्यूसी एवं बेगुसराय के बरौनी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को अगस्त में एनक्वास के राष्ट्रीय प्रमाणीकरण से नवाजा गया है.
प्रमाणीकरण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
एनक्यूएएस के नेशनल ऐसेसर डॉ महताब सिंह कहते हैं कि किसी एक स्वास्थ्य केंद्र के प्रमाणीकरण के लिए सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी है. यह प्रयास निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के स्वास्थ्य कर्मियों को करना होता है. इसके बावजूद प्रमाणीकरण मिले और स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके, उसके लिए वित्तीय सोर्स की मजबूती, डेटा मैनेजमेंट, स्किल्ड स्वास्थ्यकर्मी, बेहतर प्रशासनिक एवं प्रबंधन व्यवस्था, निरंतर गैप एनालिसिस, बेहतर इंफ्रा का होना बेहद ही जरूरी है.
डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, गार्डिनर रोड अस्पताल,पटना ने एचडब्ल्यूसी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एचडब्ल्यूसी अब मातृ स्वास्थ्य जांच, सुरक्षित प्रसव प्रथाओं और सामान्य बीमारियों के इलाज जैसी आवश्यक सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं. इसके कारण अस्पतालों में अनावश्यक भार कम हुआ है. इस पहल से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद मिल रही है, जिससे बिहार में बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित हो रहे हैं.
2025 तक सभी कार्यरत एचडब्ल्यूसी को किया जाना है प्रमाणित
मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में कार्यरत सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 2025 के अंत तक एनक्यूएएस से प्रमाणित करने का लक्ष्य रखा है. एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध कई सेवाओं की जांच की जाती है. यह जांच दो स्तर पर इंटरनल और एक्सटर्नल होती है. मूल्यांकन में जिन सेवाओं की जांच की जाती हैं उनमें सर्विस प्रोविजन, क्लीनिकल सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम, पेशेंट राइट्स सहित अन्य सेवाएं शामिल हैं. इन सभी सेवाओं में एक निर्धारित अंक स्वास्थ्य संस्थानों को हासिल करने के साथ इसे सस्टेन भी करना होता है.
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