जिले में कालाजार नियंत्रणार्थ द्वितीय चक्र का छिड़काव शुरु
-इस वर्ष जिले में कालाजार का मात्र एक रोगी मिला
-2018 में ही कालाजार उन्मुलन के लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है जिला
सीतामढ़ी। सोमवार को जिला भीबीडी नियंत्रण कार्यालय के प्रांगण में जिला पदाधिकारी रिची पांडे, सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार, जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव, जोनल कॉर्डिनेटर डब्लूएचओ डॉ माधुरी देवराजू और पिरामल स्वास्थ्य के जिला प्रबंधक प्रभाकर कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कालाजार नियंत्रणार्थ द्वितीय चक्र छिड़काव कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि सीतामढ़ी जिला कालाजार उन्मूलन के क्षेत्र में अग्रणी है और वर्ष 2018 में ही कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य (प्रखंड स्तर पर प्रति दस हजार की आबादी पर एक से कम रोगी) को प्राप्त कर लगातार सात वर्षों से न केवल उन्मूलन की स्थिति बरकरार रखा है अपितु प्रतिवर्ष 40-50 प्रतिशत की दर से रोगियों की संख्या में कमी हो रही है। वर्ष 2020 में जिला में कालाजार के 61, वर्ष 2021 में 39, वर्ष 2022 में 17, वर्ष 2023 में 09 एवं वर्ष 2024 में 07 मरीज प्रतिवेदित हुए है। वर्ष 2025 में जनवरी से अब तक मात्र 01 रोगी मिले है, जिनका इलाज पूरा हो गया है। इसके लिए सभी पीएचसी में निःशुल्क जांच एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध है। सदर अस्पताल, सुरसंड सीएचसी तथा पुपरी सीएचसी में लाइपोसोमल एम्फोटेरेसिन ‘बी’ इंजेक्शन के एकल खुराक के द्वारा इलाज की विशेष व्यवस्था है तथा पीकेडीएल का मिलटेफ़ोसिन कैप्सूल द्वारा इलाज की व्यवस्था सभी प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है। मरीजों के त्वरित उपचार के बाद मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना से 6600 रु तथा भारत सरकार की ओर से 500 रु प्रति मरीज श्रम क्षतिपूर्ति का लाभ दिया जाता है। पीकेडीएल मरीज के इलाज के बाद 4000 रु प्रति मरीज दिया जाता है।
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ने अपने संबोधन में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी तथा उनकी टीम द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि कालाजार फैलाने वाले बालू मक्खी के नाश के लिए सरकार द्वारा वर्ष में दो बार 5 प्रतिशत साईंपरमेंथरीन का छिड़काव कराया जाता है। आज से 60 कार्यदिवस में 28 छिड़काव दलों द्वारा 12 प्रखंडों के 45 कालाजार प्रभावित गांवों के 90433 घरों में छिड़काव कराया जाएगा जिससे 504779 की आबादी आच्छादित होगी।
जिला पदाधिकारी रिची पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि जिला में कालाजार उन्मूलन के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम हुआ है, लेकिन हमें आत्ममुग्ध होने की आवश्यकता होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वेक्टर जनित रोग कभी भी अपना पैर पसार सकते हैं अतः हमें इससे बचाव हेतु सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए, उन्होंने निर्देश दिया कि सभी आशा छिड़काव के दो दिन पूर्व अपने क्षेत्र के गृहस्वामी को छिड़काव तिथि की जानकारी देंगे। छिड़काव कर्मियों ने बहुत सराहनीय कार्य किया है जिसके फलस्वरूप सीतामढ़ी जिला सात वर्षों से कालाजार मुक्त जिला है। इस वर्ष अब तक मात्र एक रोगी है, शीघ्र ही यह संख्या शून्य हो जाएगी। उक्त अवसर पर जिलाधिकारी ने छिड़काव कर्मियों एवं आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे छिड़काव के दौरान लोगों को कालाजार के लक्षणों के बारे में अवश्य बताएं तथा संभावित रोगी को अस्पताल में भेजें तथा ग्रामीणों को इस दौरान अन्य बीमारियों तथा फाइलेरिया, डेंगू, मस्तिष्क ज्वर के बारे में भी जानकारी दें।
जागरूकता हेतु जिलापदाधिकारी रिची पांडे, सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार, जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव द्वारा कालाजार उन्मूलन रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
मौके पर छिड़काव कर्मियों तथा आशा कार्यकर्ता के अतिरिक्त पीएचसी डुमरा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अक्षय कुमार, डीपीएम आसित रंजन, बीएचएम अनुपमा कुमारी, भीडीसीओ प्रिंस कुमार, भीडीसीओ पवन कुमार, एफएलए रजनीश कुमार, भीबीडीएस राकेश कुमार, शिवशंकर प्रसाद, नवीन कुमार, बीएचआई राजू रमन सिंह, लिपिक राजू रंजन, राजीव रंजन कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीड रोहित कुमार एवं अन्य लोग मौजूद थे।
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