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    विद्यालयों के बच्चों व शिक्षकों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में किया जा रहा है जागरूक

    - आंगनबाड़ी केंद्रों व सरकारी विद्यालय में 18 वर्ष तक के बच्चों की होती है स्क्रीनिग

    - समय पर गंभीर बीमारीयों के पहचान पर ईलाज में होती है असानी 

    बेतिया। जिले के सरकारी विद्यालयों के बच्चों व शिक्षकों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में जागरूक किया जा रहा है, ताकि 18 वर्ष तक के बच्चों में अगर किसी प्रकार की गंभीर बीमारी हो तो समय पर उसकी पहचान हो और स्वास्थ्य जाँच कर ईलाज मुहैया कराई जा सकें। आरबीएसके के जिला समन्वयक रंजन मिश्रा ने बताया की आज जिला स्कुल कुमारबाग, जोगापट्टी एवं चनपटिया के उच्च विद्यालय के नवमी, दशमी के छात्रों का आरबीएसके टीम के द्वारा अनुश्रवण किया गया तथा इस कार्यक्रम के बारे बच्चों एवं सभी शिक्षकों को भी जागरूक किया गया। उन्होंने कहा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यक्रम की सफलता के लिए गठित मोबाइल मेडिकल टीम जिले के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूलों में पहुंचती है, बच्चों की स्क्रीनिग करती है। टीम में शामिल एएनएम के द्वारा बच्चों का वजन, उनकी ऊंचाई (हाइट), सिर की परिधि, बांह की मोटाई की जांच की जाती है। डॉ मनीष कुमार ने बताया की 18 वर्ष तक के सभी बच्चों में बर्थ डिफेक्ट, डिफिशिएंसी, डिजीज, डेवलपमेंट डिलेज इन्क्लूडिग डिसएबिलिटी यानि किसी भी प्रकार का विकार, बीमारी, कमी और दिव्यांगता शामिल है, को चिह्नित किया गया है। बच्चों को जांच के बाद हेल्थ कार्ड मिलेगा। मौके पर आरबीएसके डीसी रंजन मिश्रा, डॉ मनीष कुमार, विद्यालय के सभी शिक्षक व छात्र छात्राएं उपस्थित थें।

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