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    राज्य के 26 जिलों के 65 स्वास्थ्य केंद्रों का होगा राज्य स्तरीय एनक्यूएएस असेसमेंट, बढ़ेगी सर्टिफाइड संस्थानों की संख्या

    -26 जिलों के हरेक अनुमंडल से चयनित एक-एक आयुष्मान आरोग्य हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का होगा मूल्यांकन 

    -स्टेट सर्टिफिकेशन के लिए चाहिए न्यूनतम 70 प्रतिशत अंक 

    पटना। राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इसी क्रम में जिला स्तरीय स्वास्थ्य संस्थानों के चुनाव के बाद अब जनवरी में अनुमंडलीय स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों का असेसमेंट किया जाएगा। इसके लिए 26 जिलों के 65 आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का चयन किया गया है। मालूम हो कि एनक्यूएएस के निर्धारित लक्ष्य के लिए प्रत्येक प्रशासनिक स्तर पर एक आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का चयन किया जाना था। अनुमंडल स्तर पर चयनित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को सर्टिफिकेशन के लिए न्यूनतम 70 प्रतिशत अंक चाहिए। 

    नए साल के पहले दिन तीन स्वास्थ्य संस्थानों को मिला नेशनल एनक्यूएएस सर्टिफिकेट 

    राज्य के तीन स्वास्थ्य संस्थानों को पहली जनवरी को नेशनल लेवल का नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। जिन स्वास्थ्य संस्थानों को नेशनल सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है, उसमें यूपीएचसी तेलिया पोखर (बेगूसराय), एसएचसी, दीवानगंज (पूर्णिया) तथा पीएचसी महेन्द्रपुर (पूर्णिया) शामिल है। क्वालिटी एश्योरेंस के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य में अभी कुल एनक्यूएएस सर्टिफाइड संस्थानों की संख्या 89 है। इनमें 25 नेशनल और 64 राज्य स्तरीय सर्टिफाइड संस्थान हैं। 

    इस बीच, पूर्व में राज्य स्तरीय प्रमाणित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सीएचओ को बुधवार और गुरुवार को गुणवत्ता मानकों के ज्ञानवर्धन के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। इस संबंध में एनक्यूएएस के राष्ट्रीय असेसर डॉ. माहताब सिंह का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्रों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से प्राथमिक स्तर पर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढ़ेंगी। स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों के लिए मिलने वाली सुविधाओं से स्थानीय लोगों का विश्वास बढ़ेगा तो दूरगामी परिणामों में हेल्थ इंडिकेटरों में भी वृद्धि होगी।

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