बच्चों में जन्मजात विकृतियों से बचाव के लिए सही समय पर पहचान जरूरी: सिविल सर्जन
-संदिग्ध हृदय रोग एवं जन्मजात विकृति के लक्षण वाले बच्चों को तत्काल जिला अस्पताल करें रेफर
मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल में आरबीएसके डॉक्टर, लेबर रूम की एएनएम (डिलीवरी प्वाइंट) और सभी पीएचसी के फार्मासिस्ट का दो दिवसीय कॉम्प्रिहेंसिव न्यू बोर्न स्क्रीनिंग प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन लैंप जलाकर सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार एवं डीपीएम रेहान अशरफ ने किया। ट्रेनिंग में मुख्यतः जन्मजात बर्थ डिफेक्ट की गंभीरता एवं समय पर पहचान के बारे मे बताया गया।
सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने कहा कि बच्चों में जन्मजात विकृतियों से बचाव के लिए जन्म होते ही दोष एवं विकृतियों के साथ हृदय रोग के संदिग्ध बच्चों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द जिला अस्पताल रेफर करना जरूरी है ताकि वैसे बच्चों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराकर उनको सुरक्षित किया जा सकें। डीपीएम रेहान अशरफ एवं आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ प्रशांत कुमार ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान आयरन एवं कैल्शियम का उचित मात्रा में डॉक्टर के सलाह से उपयोग जरूरी है ताकि सही ढंग से गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास हो सके एवं गर्भवस्था के दौरान होने वाली परेशानियों से बचा जा सकें और बच्चों में जन्मजात विकृति के जोखिम को कम किया जा सके।
मौके पर डीपीएम रेहान अशरफ, डॉ प्रशांत कुमार डीसी आरबीएसके, डॉ कुणाल गर्ग मेडिकल ऑफिसर, डॉ यशपाल मेडिकल ऑफिसर, राजकीरण डीडीए एवं ब्लॉक से आए हुए प्रसव केंद्र के मेडिकल ऑफिसर, स्टाफ नर्स एवं आर बी एस के टीम से आयुष मेडिकल ऑफिसर उपस्थित थे।
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