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    जिले के चार बच्चों को मिल रहा बाल हृदय योजना का लाभ

    - ह्रदय रोग की स्क्रीनिंग के लिए बच्चे एम्बुलेंस से पटना भेजे गये 

    - आँगनबाड़ी केंद्र व स्कूलों में आरबीएसके टीम द्वारा होती है जाँच

    - ह्रदय में छेद के मरीजों का निःशुल्क होता है इलाज : रंजन मिश्रा 

    बेतिया। हृदय रोग से ग्रसित जिले के चार बच्चों को बाल हृदय योजना का लाभ मिलने वाला है। पश्चिमी चम्पारण जिले के नितेश कुमार, दिपेन्द्र कुमार (नरकटियागंज), अनुष्का कुमारी (लौरिया) और किरण कुमारी (मैनाटॉड) अपने-अपने अभिभावक के साथ इलाज के लिए पटना भेजे गये। इनलोगों को आज सुबह एम्बुलेंस से आईजीआईसी, पटना भेजा गया है। वहाँ इन बच्चों की विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा कई तरह की जाँच की जाएगी। उनका डाटा तैयार कर उसके बाद मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना अन्तर्गत हवाई जहाज से श्री सत्य साईं हॉस्पिटल, अहमदाबाद भेजा जाएगा।

    सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे एवं आरबीएस के डीसी रंजन कुमार मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सभी 18 प्रखंडों के सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्र पर आरबीएसके चिकित्सकों द्वारा कैंप लगाकर बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है। इसमें ह्रदय रोग से पीड़ित, कटे होंठ, कॉकलियर इम्प्लांट, क्लब फुट समेत अन्य 43 तरह के रोग से ग्रसित बच्चों की खोज कर उन्हें बेहतर इलाज हेतु भेजा जाता है। इलाज के दौरान रहने, खाने, इलाज की सभी व्यवस्था के साथ ही हवाई जहाज का टिकट भी मुफ्त दिया जाता है।

    लगाया जाता है बीमार बच्चों का पता:

    डीपीएम अमित अचल ने बताया कि बीमार बच्चों को चिह्नित करने के लिए आरबीएसके टीम द्वारा जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। शून्य से छह साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र तथा छह से 18 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए विद्यालय स्तर पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नियमित अंतराल पर किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसी तरह की गंभीर बीमारी के लक्षण हो तो आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता या स्वास्थ्य विभाग की टीम को जरूर बताएं ताकि चिह्नित कर बच्चों का इलाज कराकर उन्हें स्वस्थ किया जा सके।

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