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    मेघा परियोजना के अंतर्गत महिला पंचायत प्रतिनिधियों का तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण की हुई शुरुआत

    -महिला मुखिया व महिला मुखिया ने लिया संकल्प, बाढ़ आपदा में  महिलाओं की समस्याओं के देगी प्राथमिकता

    दरभंगा। सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज, के द्वारा मेघा प्रोजेक्ट के तहत धबोलिया सभागार, कुशेश्वर स्थान पूर्वी प्रखंड, दरभंगा में महिला पंचायत प्रतिनिधियों का तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया जिसमें कुशेश्वर स्थान पूर्वी प्रखंड की इठहर, उसरी, सुधराइन ग्राम पंचायतों की कुल 26 महिला वार्ड सदस्यों एवं महिला मुखिया ने भाग लिया। प्रशिक्षण का समापन 27 जन 2024 को होगा. कार्यक्रम के दौरान सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज, के राज्य प्रमुख प्रकाश रंजन ने बताया कि प्रशिक्षण के माध्यम से बिहार राज्य में पहली बार जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले जल असुंतलन को दूर करने के लिए लोकतांत्रिक संस्थानों को सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि बाढ़ राहत कार्यक्रमों में जेंडर लेंस का ध्यान रखा जा सके एवं महिलाओं की समस्याओं व जरूरतों के अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन के योजना निर्माण एवं कार्यान्वयन सुनिश्चित करवाया जा सके। कार्यक्रम के दौरान कुशेश्वर स्थान पूर्वी के  प्रखंड विकास पदाधिकारी किशोर कुमार पासवान, प्रखंड पंचायत पदाधिकारी गोपाल पासवान अंचल पदाधिकारी ने महिला जन प्रतिनिधियों का उत्साहवर्धन कर उन्हें प्रशिक्षण के विषय वस्तु को सीखने समझने एवं अपने क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

    जिले के चयनित प्रखंड में चलाई जा रही है परियोजना:

    प्रकाश रंजन ने बताया यह परियोजना जिले में मई 2024 से संचालित किया जा रहा है जिसके तहत सभी महिला पंचायत प्रतिनिधियों को आपदा के दौरान उनकी भूमिका को लेकर जानकारी दी जा रही है। यह परियोजना जिले के चयनित प्रखंड कुशेश्वर स्थान पूर्वी, कुशेश्वर स्थान पश्चिमी,गौरा बौराम, सिंहवाड़ा, बिरौल, कीरतपुर व हनुमान नगर प्रखंडों में चलाया जा रहा है. जिसके तहत 70 ग्राम पंचायतों के कुल 519 महिला जन प्रतिनिधियों को अलग-अलग बैच बनाकर प्रशिक्षित किया जाना है.

    पंचायत प्रतिनिधियों को आपदा पूर्व, आपदा के दौरान, आपदा पश्चात जिम्मेदारी की दी गई जानकारी:

    प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन प्रतिभागियों ने विशेष जानकारी प्राप्त की जिसके तहत जेंडर संवेदनशील आपदा प्रतिक्रिया के माध्यम से महिलाओं की बाढ़ के दौरान होने वाली समस्याओं की जानकारी दी गई. जलवायु परिवर्तन के कारण महिलाओं पर पड़ने वाले प्रभाव पर विशेष चर्चा की गई, प्रतिभागियों ने पंचायती राज व्यवस्था के तहत पंचायत प्रतिनिधियों के आपदा पूर्व, आपदा के दौरान, आपदा पश्चात विभिन्न कार्यों एवं जिम्मेदारियों संबंधी विषयों पर भी जानकारी दी गई।

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