जिले में तीन महीने के टीबी प्रिवेंटिव दवा की हुई शुरूआत
- डॉ सीके दास ने किया शुभारंभ
- टीबी रोगियों के परिजनों को दी जाती है दवा
मुजफ्फरपुर। जिले में यक्ष्मा उन्मूलन को लेकर विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर लगतार अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सोमवार को रिफापेंटाइन और आइसोनियाजिड के दवा थेरेपी की शुरूआत डीटीसी से की गयी। यह दवा टीबी मरीज के परिजनों को खिलाई जाती है, ताकि वे टीबी के संक्रमण से बच सकें। इससे पहले सिर्फ आइसोनियाजिड दवा दी जाती थी जिसे लगातार टीबी मरीज के साथ रहने वाले परिजनों को छह महीने खाना होता था। रिफापेंटाइन के साथ जुड़ जाने से इसे सप्ताह में एक बार ही खाना होगा। जिससे यह कोर्स तीन महीने में ही समाप्त हो जाएगा। जिला के संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सीके दास ने 3 एचपी दवा का शुभारंभ इंडेक्स मरीज के परिवार के सदस्य को दे कर किया। वर्ल्ड विजन इंडिया के डिस्ट्रिक लीड दिनकर चतुर्वेदी ने प्रोग्रामेटिक मैनेजमेंट ऑफ ट्यूबरक्यूलोसिस प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट पर विस्तृत जानकारी दी। दिनकर चतुर्वेदी ने बताया कि टीबी रोगी के साथ रहने वाले परिवार के 05 साल से ऊपर के सभी सदस्यों का एक्सरे करके टीबी रूल आउट किया जा रहा है। अगर किसी सदस्य का एक्सरे सजेस्टिव पाया जाता है तो उसका टीबी की आगे की जांच शुरू की जाती है।
यदि एक्सरे रिपॉर्ट नॉन सजेस्टिव आता है तो उन्हें आइसोनियाजिड दवा दिया जाता है। मरीजों के सुविधा को ध्यान में रखते हुवे सभी ब्लॉक में सरकारी एक्सरे के साथ साथ प्राइवेट एक्सरे सेंटर की भी सुविधा प्रदान की गई है। पीएमटीपीटी प्रोग्राम के तहत वर्ल्ड विज़न इंडिया के सहयोग से टीबी मरीज़ के साथ मे रहने वाले बहुत से मरीजो के परिवार वालो का आइएनएच चल रहा हैं। वर्ल्ड विजन इंडिया के कार्यकर्ता द्वारा लगतार उनका फ़ॉलोवउप किया जा रहा है। मौके पर डॉ. सी के दास, डॉ.राज किशोर यादव जीत प्रग्राम से ज़िला समन्वयक दिनकर चतुर्वेदी, अविशेक कुमार, उमेश कुमार, टीपीटीसी रविंदर कुमार, एसटीएस मनोज कुमार, एसटीएलएस आदि उपस्थित रहे।
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