डेंगू के मामलों से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सदर अस्पताल में 10 बेड तैयार
- बरसात के समय में फैलता है डेंगू, अमूमन सुबह में काटते हैं डेंगू के मच्छर
- लोगों को जागरूक करने के साथ ही फॉगिंग कराई जा रही है
मोतिहारी। "डेंगू वेक्टर जनित रोग है। यह रोग बरसात के मौसम में ज्यादातर होता है। मादा एडीज़ मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। इससे बचने के लिए लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। डेंगू मच्छर अधिकांशतः दिन में काटता और यह स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है।" ये बातें सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताई है। उन्होंने बताया कि समान्यता डेंगू होने पर तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, काला पखाना होना आदि डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सरकारी अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है।
डेंगू से बचाव को की जा रही हैं तैयारियां-
सीएस ने बताया कि जिले के सभी अस्पताल, सदर अस्पताल सहित में डेंगू की जॉच एवं उपचार मुफ्त में उपलब्ध हैं। जिले में डेंगू के इस वर्षभर में अबतक 01 केस मिला है। प्रा० स्वा० केन्द्र स्तर पर 02 बेड / अनु० अस्पताल 05 बेड / सदर अस्पताल में 10 बेड (सभी बेड मच्छरदानी युक्त, 24x7 ड्यूटी रोस्टर एवं सभी प्रकार के उपकरण तथा दवा सहित) उपलब्ध है। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंगू जाँच के लिये आर०डी०टी० किट उपलब्ध हैं।
लोगों को जागरूक करने के साथ ही फॉगिंग करायी जा रही है-
सीएस ने बताया कि जागरूकता से ही होगी इसके मामलों में कमी। उन्होंने बताया कि डेंगू नियंत्राणार्थ के लिए सभी आशा का उन्मुखीकरण किया जा रहा है। सभी विद्यालयों में डेंगू से बचाव हेतु छात्र / छात्राओं को जागरूक किया जा रहा है। नगर निगम / नगर परिषद / नगर पंचायत के कूड़ा वाहन द्वारा डेंगू नियंत्राणार्थ के लिए माइकिंग करायी जा रही है। ग्रामीण इलाकों में आरबीएसके के वाहन से माइकिंग करायी जा रही है। वहीं मरीज के घर के आसपास 500 मी. की परिधि में फॉगिंग करायी जा रही है। लीफलेट, हैंडबिल द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
इन उपायों द्वारा डेंगू से सुरक्षित रह सकते हैं-
सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें।
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