सभी के आपसे सहयोग एवं समन्वय से सफल होगा आगामी एमडीए राउंड: डॉ. परमेश्वर प्रसाद
•आईएमए एवं आईएपी के साथ एमडीए- फाइलेरिया के मेगा लांच को लेकर संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित
•विश्व के 72 देशों में लगभग 86 करोड़ आबादी फाइलेरिया के खतरे में
•देश के कुल फाइलेरिया मरीजों का 18% केवल बिहार में
पटना: वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए देश में अब एक साथ एमडीए यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. राज्य के 11 जिलों में शीघ्र ही आगामी एमडीए राउंड संचालित किया जाएगा. उक्त बातें अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम अधिकारी, फाइलेरिया, डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने आईएमए एवं IAP के साथ आगामी एमडीए राउंड को लेकर आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान कही.
डॉ. प्रसाद ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन में आईएमए ने पहले भी सहयोग किया है. उन्होंने आईएमए से पुनः एमडीए में अधिक से अधिक लोगों द्वारा दवा सेवन करने के लिए सहयोग प्रदान करने की बात कही.
कार्यशाला में आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद सिंह, उपाध्यक्ष, आईएमए,डा० सुनील कुमार, आईएमए के जेनरल सेक्रेटरी डॉ. अशोक कुमार,अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, स्वास्थ्य सेवाएं, डॉ. आर.सी.एस.वर्मा, निदेशक प्रमुख
अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, बिहार सरकार के आरएचओ डॉ. रवि शंकर, इंडियन पैडीएट्रिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शिव बचन सिंह, पिरामल स्वास्थ्य के एलएफ/वीएल के टीम लीड बिकास सिन्हा, पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. श्रवण कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद सहित आईएमए के कई चिकित्सक एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि ने भाग लिया. कार्यशाला का संचालन विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य के एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने किया.
देश के कुल फाइलेरिया मरीजों का 18% केवल बिहार में:
डॉ. प्रसाद ने बताया कि देश में कुल 7 लाख 6 हजार फाइलेरिया के मरीज हैं. जिसमें 18% मरीज केवल बिहार में है. उन्होंने बताया कि देश में कुल 328 जिले फाइलेरिया की जद में है. इनमें 75 फीसदी जिले केवल पाँच राज्यों यानी बिहार, झारखंड, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश एवं छतीसगढ़ में हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में हाथीपांव के करीब 1.27 लाख एवं हाइड्रोसिल के करीब 18000 मरीज हैं.
विश्व के 72 देशों में लगभग 86 करोड़ आबादी फाइलेरिया के खतरे में:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज के कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि फाइलेरिया नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डीजीज में एक प्रमुख रोग है. विश्व के 72 देशों में 85.9 करोड़ आबादी फाइलेरिया के खतरे में हैं. विश्व भर में फाइलेरिया विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण है.
आईएमए के सदस्य एमडीए-फाइलेरिया में करेंगे सहयोग:
आईएमए के राज्य सचिव डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि’ आईएमए के सभी सदस्यों के साथ मिलकर फाइलेरिया उन्मूलन में सहयोग करने की कार्ययोजना बनायेंगे. उन्होंने कहा कि क्यूंकि फ़ाइलेरिया एक मच्छर जनित रोग है इसलिए लोगों को स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए. इससे फ़ाइलेरिया के डेंगू जैसे रोग से भी सुरक्षा मिलेगी. डॉ. कुमार ने स्लोगन दिया कि दस सप्ताह, दस मिनट सप्ताह में एक बार घर कि सफाई कर फाइलेरिआ, डेंगू आदि रोगों से बचाव हो सकता है.
डॉक्टर को उपलब्ध करायी जाएगी एमडीए की जागरूकता वाली मोहर:
पिरामल स्वास्थ्य के एलएफ/वीएल के टीम लीड बिकास सिन्हा ने बताया कि जल्दी ही सभी चिकित्सकों को एमडीए की जागरूकता वाली मोहर उपलब्ध करायी जाएगी. उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से अनुरोध किया कि सभी चिकित्सक मरीजों को प्रिस्क्रिप्शन पर मोहन लगाकर दें जिससे एमडीए अभियान के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सकें.
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