फाइलेरिया को मात देने ग्रामीण महिलाएं लगा रही चौपाल
- एक दूसरे को सिखा रही रोग प्रबंधन की कला
- नित नए फाइलेरिया रोगी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ रहे
मुजफ्फरपुर। जिले में फाइलेरिया से ग्रस्त लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए महिलाएं अब चौपाल लगा रही है। ऐसा ही एक दृश्य गुरुवार को मीनापुर प्रखंड के मिडिल स्कूल प्रांगण में दिखा, जब नंदना गांव की शांति देवी वहां उपस्थित जयमाता और जमुना पेसेन्ट सपोर्ट ग्रुप के करीब 22 महिलाओं को फाइलेरिया रोग प्रबंधन की कला की सीख दे रही थी। दरअसल ये एक फाइलेरिया सपोर्ट नेटवर्क मेंबर की सदस्य और फाइलेरिया ग्रस्त मरीज भी हैं। शांति देवी ने बताया कि फाइलेरिया में जब सूजन ज्यादा हो जाता है तो नियमित रूप से उसके प्रबंधन की जरूरत होती है। जिससे रोगी को आराम पहुचे। प्रशिक्षण के दौरान फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया से बचाव एवं साफ-सफाई को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। फाइलेरिया से ग्रसित अंगों को विशेष रूप से सफाई के बारे में जागरूक किया। फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क मेंबर्स फाइलेरिया रोग से ग्रसित लोगों का समूह है जो लोगों में फाइलेरिया के बारे में जागरूकता फैलाने के अलावा उन्हें उपचार के सही तरीकों से भी अवगत कराता है।
स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ रहे फाइलेरिया मरीज:
मीनापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक मंगलवार को फाइलेरिया क्लीनिक के आयोजन के तहत नित नए फाइलेरिया मरीज सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ रहे हैं। बीते मंगलवार को भी कुल 12 नए फाइलेरिया मरीज स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े। सभी फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट व उसके उपयोग के बारे में भी फाइलेरिया इंचार्ज अरविंद कुमार भारती के द्वारा बताया गया।
फाइलेरिया रोगी एक्यूट अटैक में साफ पानी से धोएं अंग:
प्रशिक्षण के दौरान शांति देवी ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार पैरों में दर्द जलन के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को अपना पैर साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या सूती साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए। मौके पर जयमाता और जमुना नेटवर्क मेंबर के सदस्य मौजूद थे।
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