निक्षय मित्र का दायरा बढ़ा, जेलर ने भी लिया टीबी मरीज को गोद
- दो दिन में 10 टीबी मरीजों को लिया गया गोद
- जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी भी बने निक्षय मित्र
सीतामढ़ी। जेल का नाम सुनते ही लोगों के मन में कड़क मिजाज और अनुशासन प्रिय जेलर की छवि याद आती है। यह कहां तक सही है वह समाज का भ्रम जाने, पर अब जेलर निक्षय मित्र बन स्वस्थ समाज की संकल्पना को पर जरूर लगा रहे हैं। ऐसे ही हैं सीतामढ़ी कारा अधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा और उपकाराधीक्षक राम विलास दास। इन्होंने एक एक टीबी मरीजों को गोद लिया है। निक्षय मित्र बन इन्होंने टीबी मरीजों को पोषण की पोटली भी प्रदान की है। मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि टीबी विभाग के सीडीओ डॉ मुकेश कुमार अपनी टीम के साथ आए थे। उन्होंने निक्षय मित्र की जानकारी दी। मुझे यह अवसर अच्छा लगा। समाज के लिए कुछ करने का अवसर मिला और मैंने एक टीबी पेशेंट को गोद ले लिया है। उन्हें मैं छह महीने पोषण की पोटली प्रदान करूंगा, ताकि वे अपना पोषण पूरा कर पाएं व टीबी को मात दे सकें। वही उपकाराधीक्षक दास ने कहा कि निक्षय मित्र की पहल एक अच्छी पहल है, जिसमें हमें अपने अस्वस्थ्य नागरिकों के लिए कुछ अच्छा करने का अवसर मिलता है। बुधवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एके झा ने भी एक टीबी मरीज को गोद लिया है। दो दिनों में कुल 10 टीबी मरीजों को गोद लिया गया है।
वकील भी करने लगे निक्षय मित्र की वकालत:
निक्षय मित्र बनने में बुधवार को शहर के अधिवक्ता कृष्ण मुरारी श्रीवास्तव ने भी अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं। इन्होंने पांच टीबी मरीजों को गोद लिया है। वहीं डुमरा में ह्यूमन राइट मिशन सीतामढ़ी चैप्टर ने दो पेशेंट को गोद लिया है। सदर और डुमरा की एसटीएस श्वेतनिशा सिंह ने कहा कि निक्षय मित्र बनाने का उनका यह क्रम लगातार जारी रहेगा। इसके अलावे टीबी मुक्त पंचायत में भी उनके कदम आगे बढ़े हैं। मौके पर सीडीओ डॉ मुकेश कुमार, डीपीसी रंजय कुमार, एसटीएस श्वेतनिशा सिंह, डीइओ रंजन शरण सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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