फाइलेरिया रोगीयों को मिला एमएमडीपी का प्रशिक्षण
- मुशहरी के बिंदा गांव में मिला रोग प्रबंधन का प्रशिक्षण
- 12 फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क मेंबर्स ने लिया भाग
मुजफ्फरपुर। मुशहरी प्रखंड के बिन्दा गांव में एमएमडीपी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया , जिसमें चांदनी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की 12 नेटवर्क मेम्बर नें भाग लेकर प्रशिक्षण ली। नरौली गांव की नेटवर्क मेम्बर नीतू देवी जो महादेव पेशेंट स्पोर्ट ग्रुप की मेंबर हैं उन्होने एमएमडीपी प्रशिक्षण से होने वाले फायदा को बताई और डेमो कर के बताया। नीतू ने व्यायाम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मेरे पैर में फइलेरिया बीमारी हो गया था बहुत फुला हुआ था लेकिन अब एक जैसा हो गया है सिर्फ व्यायाम और साफ सफाई करने से कम हुआ। शुरू में 3 से 4 बार मैं व्यायाम और साफ सफाई करती थी। अब पता ही नहीं चलता है। अभी मैं दिन में दो बार साफ सफाई और व्यायाम करती हूं।
फाइलेरिया को शुरुआत में ही रोका जा सकता-
प्रशिक्षण के दौरान नीतू कुमारी ने मौजूदा फाइलेरिया रोगियों को नए फाइलेरिया रोगियों को सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। मालूम हो कि फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है। इसका प्रसार क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा होता है। इस बीमारी के लक्षण उभरने में आठ से दस साल लग जाते है। इसमें व्यक्ति के हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। इसका कोई सफल उपचार संभव नहीं है। पर मौजूदा समय में दवाओं द्वारा इस बीमारी के विस्तार पर पूर्णतया रोक लगाई जा सकती है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को साल में चलने वाले सर्वजन दवा सेवन के तहत मिलने वाली दवाओं को खाना चाहिए। इससे बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है।
फाइलेरिया रोगी एक्यूट अटैक में साफ पानी से धोएं अंग-
प्रशिक्षण के दौरान नीतू कुमारी ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन के साथ बेचौनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को अपना पैर साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या सूती साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए। मौके पर सूरज तथा रामजी नेटवर्क समूह के लोग उपस्थित थे।
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