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    राज्य के 14 जिले के 5.60 करोड़ से अधिक की आबादी करेगी एमडीए राउंड में दवा सेवन

    •राज्य के 14 जिलों में 10 अगस्त से चलेगा एमडीए कार्यक्रम 

    •बूथ निर्माण कर भी खिलाई जाएगी दवा 

    •स्टेट टास्क फ़ोर्स की बैठक में एमडीए की सफलता पर बनी रणनीति

    •अन्तर्विभागीय सहयोग पर दिया गया जोर

    पटना:  भारत सरकार के दिशानिर्देश पर अब देश में प्रत्येक वर्ष के 10 फरवरी एवं 10 अगस्त से एमडीए-फाइलेरिया यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. राज्य में 10 फरवरी को 24 जिलों में एमडीए राउंड चलाया गया था. अब 10 अगस्त से शेष बचे 14 जिलों में एमडीए राउंड चलेगा. इस राउंड में पहली बार इस बार आंगनबाड़ी केन्द्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, स्कूल, पंचायत, पीएचसी, सीएचसी सहित मेडिकल कॉलेजों पर बूथ लगाकर भी दवा खिलाई जाएगी. जिसमें मेडिकल कॉलेज एवं हेल्थ फैसिलिटी पर 14 दिनों एवं स्कूल सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर 3 दिन तक बूथ  लगेगा. साथ ही इस दौरान मार्कर पेन का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे दवा सेवन करने वालों की पहचान करने में सहूलियत होगी. ताकि एक व्यक्ति को दो बार दवा सेवन न करें. इसके लिए पूर्व से लोगों को जागरूक भी करने की जरूरत है. उक्त बातें राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने एमडीए पर आयोजित स्टेट टास्क फ़ोर्स की बैठक में कही. 

    अन्तर्विभागीय सहयोग जरुरी: 

    कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने बताया कि एमडीए-राउंड की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों को भी सहयोग करने की जरूरत है. जिसमें उन्होंने शिक्षा विभाग एवं आईसीडीएस को एमडीए राउंड में सहयोग करने की अपील की. साथ ही अन्य विभाग जैसे जीविका, पीएचईडी एवं अन्य सहयोगी विभागों की सहायता लेने की भी बात कही. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है. फाइलेरिया के उपचार की तुलना में इसकी रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है. एमडीए के जरिए ही फाइलेरिया की रोकथाम एवं उन्मूलन संभव है. इसके लिए दवा सेवन के बाद किसी भी तरह के संभावित दुष्परिणामों पर प्रभावी प्रबंधन की भी बात कही.

    दवा सेवन सुनिश्चित कराने के लिए विशेष रणनीति पर जोर: 

    बैठक के दौरान फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए एमडीए कार्यक्रम की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 10 अगस्त से 14 जिलों में चलने वाले अभियान में लगभग 6.55 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसमें 10 जिले यानी पटना,अररिया, भोजपुर, बक्सर, किशनगंज, नवादा, मधेपुरा, मधुबनी,पूर्णिया में 2 तरह की दवाएं खिलाई जाएंगी. वहीं, 4 जिलों दरभंगा, लखीसराय, रोहतास एवं समस्तीपुर में 3 तरह की दवाएं खिलाई जाएगी. एमडीए की सफलता के लिए सूक्ष्म कार्य-योजना एवं मॉनिटरिंग एवं सपोर्टिव सुपरविजन पर विशेष बल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एमडीए राउंड के दौरान प्रत्येक दिन शाम में जिला/ प्रखंड स्तर पर दवा सेवन की स्थिति पर बैठक कर जायजा लिया जाएगा. वहीं, एमडीए राउंड के मध्य में राज्य स्तर पर समीक्षा बैठक भी होगी.

    24 जिलों के 39 आईयू में माइक्रो फाइलेरिया प्रसार दर 1 से कम :

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के एनटीडी स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने मॉनिटरिंग डाटा के आधार पर पूर्व में आयोजित एमडीए राउंड के दौरान जिलों की उपलब्धि पर चर्चा किया. उन्होंने कहा कि पिछले एमडीए के पूर्व 24 जिलों के 350 आईयू( इम्प्लीमेंटेशन यूनिट) में नाईट ब्लड सर्वे आयोजित किया गया. जिसमें 39 आईयू में माइक्रो फाइलेरिया दर 1 से कम पाया गया. इन जिलों में अब एमडीए की जगह ट्रांसमिशन एस्सेस्मेंट टेस्ट संपादित किया जाएगा.  उन्होंने कार्यपालक निदेशक को स्टेट टास्क फ़ोर्स के जरिए एमडीए को सफल बनाने के लिए जरुरी तैयारी एवं क्रियान्वयन से अवगत कराया. साथ ही उन्होंने कहा कि आईएमए द्वारा भी एमडीए में सहयोग किया जा रहा है.   

    इस दौरान एमडीए राउंड में सहयोग कर रहे सभी विभागों की भूमिकाओं पर विस्तार से चर्चा हुयी. साथ ही सहयोगी संस्थाओं में शामिल केयर इण्डिया, पीसीआई, जीएचएस, सीफ़ार एवं लेप्रा सोसाइटी द्वारा एमडीए में किए जा रहे योगदान पर भी जानकारी दी गयी.

    बैठक में एमडीएम के डायरेक्टर मिथिलेश मिश्रा, पीएमसीएच से डॉ. अजय कृष्ण, आईएमए के सचिव डॉ. अशोक कुमार, आईएपी सचिव  डॉ. मधु सिन्हा, आईजीआईएमएस से डॉ. सेतु, एनएमसीएच से डॉ. खालिद एवं डॉ. राजीव, आरएचओ से डॉ. रविशंकर, बीएमजीएफ से डॉ. श्यामाश्री दास, पीसीआई से रणपाल सहित सहयोगी संस्थाओं एवं विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

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