मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्कशॉप का आयोजन
- मलेरिया के लक्षणों की पहचान व इससे बचाव की दी गईं जानकारी
- मलेरिया की जाँच व इलाज की सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है - डॉ हरेंद्र कुमार
बेतिया। जिले को मलेरिया से पूर्णतः मुक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग गम्भीर है। इसको लेकर स्थानीय सभागार में डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत जिला स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि प्लाजमोडियम से संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का परजीवी पाया जाता है। इस मच्छर के काटते ही व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु प्रवेश कर जाता है। जिसके बाद वह रोगी के शरीर में पहुंचकर उसमें कई गुना वृद्धि कर देता है। इसमें रोगी को कपकपी के साथ तेज बुखार,सिर दर्द व अन्य लक्षण दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि यह जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देती है। वहीँ इसका समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है।
रैपिड किट से घर पर होगी मलेरिया की जांच:
डीवीबीडीसीओ ने कहा कि जिले में मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिले के मलेरिया प्रभावित चिह्नित गांवों की आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों को आसानी पूर्वक चिह्नित किया जा सकेगा। जांच के लिए मरीजों को भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश मिलने पर रैपिड किट से अब उनके घर पर ही मलेरिया की जांच होगी।आशा कार्यकर्ता अब लोगों के घर पहुंचकर जांच करने के साथ ही लोगों को लक्षण, बचाव के उपाय भी बताएंगी। अगर किसी में मलेरिया की पुष्टि होती है तो उन्हें अस्पताल में इलाज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को सरकार के द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
ग्राम और नगरीय क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाने की जरुरत हैं:
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा ने कहा कि गंदगी में अधिकांश वेक्टर रोग पनपते हैं। ऐसे में ग्राम व नगरीय क्षेत्र में नगर निकायों को इस दिशा में स्वच्छता अभियान को गंभीरता से चलाने की जरूरत हैं। विशेष रूप से नालियों की सफाई करने और दवाई डालने का कार्य सप्ताह में एक बार किया जाना चाहिए। ताकि मच्छर जनित रोगों का उन्मूलन हो सके। भीडीसीओ सुनील कुमार,भीबीडीएस प्रकाश कुमार, अरुण कुमार,सुजीत कुमार, ने कहा मलेरिया माह पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने घर, कार्यालय और परिवेश में मच्छर पैदा नहीं होने देगें। मलेरिया बीमारी की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेंगे।
मलेरिया से बचाव के उपाय:
मलेरिया से बचाव को मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आस-पास के माहौल की स्वच्छता का ध्यान रखना, जलजमाव की स्थिति पैदा न होने देना, घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवा का प्रयोग, मच्छर के घर में प्रवेश को रोकने के लिये खिड़कियों पर जाली का प्रयोग सहित अन्य उपाय किये जा सकते हैं।
मौके पर मेयर गरिमा देवी सिकारिया, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार,भीडीसीओ सुनील कुमार, भीबीडीएस प्रकाश कुमार, अरुण कुमार,सुजीत कुमार व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
No comments