परिवार नियोजन एवं संस्थागत प्रसव के तरीकों से महिलाओं को कराया गया अवगत
- प्रसव कराने पर मिलेगा जननी बाल सुरक्षा योजना का आर्थिक लाभ
- जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर लगा परिवार नियोजन मेला
- अंतरा, कॉपर टी, कंडोम, गर्भ निरोधक दवाओं का हुआ वितरण
बेतिया। जिले के बेतिया, बगहा, मैनाटांड, नरकटियागंज समेत अन्य पीएचसी में हर माह के 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में बुधवार को आयोजित परिवार नियोजन दिवस में महिला चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा गर्भवती व धात्री महिलाओ को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधानों की जानकारी दी गई। मौके पर महिलाओं के बीच अंतरा, कॉपर टी, कंडोम, गर्भ निरोधक दवाओं का वितरण किया गया। सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दूबे ने बताया कि वर्तमान समय में जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए व अनचाहे गर्भ ठहरने से रोक के लिए महिलाओं को जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन की नवीन अस्थायी विधियाँ हैं। अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहती है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है। जबकि छाया एक गोली है जिसे सप्ताह में एक बार तीन महीने तक, सप्ताह में केवल एक बार जब तक बच्चा न चाहें।
मिलेगा जननी बाल सुरक्षा योजना का आर्थिक लाभ:
डीपीएम अमित अचल व डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के बाद अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। जिसमें ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रु/- एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रु/- दी जाती है। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशा कार्यकर्ता को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। जिसमें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रु/- एवं शहरी क्षेत्रों के लिए 400 रु/- दी जाती है । इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है। डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि समुदाय स्तर पर आमजन को परिवार नियोजन के लिए उत्प्रेरित करने में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
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