किडनी के मरीज ओमिक्रोन से बचने के लिए टीकाकरण के साथ मास्क जरूर लगाएं- डॉ विकास कुमार
किडनी के मरीज ओमिक्रोन से बचने के लिए टीकाकरण के साथ मास्क जरूर लगाएं- डॉ विकास कुमार
- ठंड से करें खुद का बचाव
- मास्क के प्रयोग से श्वांस की बीमारियों से बचेंगे
- सेकेंड डोज़ के बिना पूर्ण सुरक्षा सम्भव नहीं
मोतिहारी, 24 दिसम्बर । कोविड के नए वैरियंट ओमिक्रोन से बचने के लिए किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को कोविड के दोनों डोज़ के टीकाकरण कराने के साथ मास्क का प्रयोग जरूर करें । तभी कोविड की तीसरी लहर से सुरक्षित रह पाएंगे। यह कहना है यूरोलोजिस्ट डॉ विकास कुमार का। उन्होंने बताया कि लोगों के सही ढंग से कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के कारण पुनः राज्य एवं जिले में कोविड के मामले देखे जा रहे ।
यूरोलोजिस्ट डॉ विकास कुमार ने बताया कि ठंड के मौसम में किडनी के मरीजों में सामान्यतः कमजोरी, थकावट, सांस का फूलना, पैरों में सूजन इत्यादि समस्याएं ज्यादा देखी जाती हैं। ऐसे में शुगर के मरीज को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि ब्लड शुगर के मरीज अगर कोरोना संक्रमित हो जाएं तो उनकी यह समस्या उनके लिए गंभीर या जानलेवा साबित होती है। ऐसे में किडनी रोगियों को विशेष सलाह एवं देखभाल की आवश्यकता होती है। उक्त बातें यूरोलोजिस्ट डॉ विकास कुमार ने बतायी। उन्होंने बताया शुगर के मरीजों को अपनी किडनी के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। किडनी इंसान के शरीर के मुख्य अंगों में से एक होती है। यह शरीर से वेस्ट को बाहर निकालने के अलावा भी बहुत महत्वपूर्ण कार्य करती है। यदि यह खराब होने लगे व ठीक तरह से काम करना बंद कर दे, तो कई तरह की परेशानियों व बीमारियों को सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि किडनी खराब होने के कोई भी संकेत दिखने पर उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ठंड के मौसम में खानपान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। ज्यादा नमक, या चीनी युक्त चीजों के सेवन से बचना चाहिए। शुगर की दवाओं का सेवन करते रहना चाहिए। गर्म वस्त्र पहनना चाहिए, एवं रात में गर्म पानी का सेवन भी करना चाहिए। साथ ही तनाव में नहीं रहना चाहिए। समय समय पर स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए।
किडनी खराब होने के प्रमुख संकेत :
डॉ विकास कुमार ने बताया कि अगर आपके शरीर का वजन अचानक बढ़ने लगे, शरीर में सूजन रहने लगे तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। यह किडनी खराब होने का संकेत हो सकता है। अगर आपको यूरिन कम आने लगे, तो इसका सीधा संबंध आपकी किडनी की कार्यक्षमता से हो सकता है। अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन कम बनने लगे, जिस वजह से आप एनीमिया के शिकार हो गए हो तब इसका संबंध आपकी किडनी खराब होने से हो सकता है। अगर किडनी ठीक से काम नहीं कर रही हो तो व्यक्ति को गर्मी के मौसम में भी ठंड लग सकती है। शरीर हमेशा ठंडा रह सकता है, नींद ज्यादा आ सकती और प्यास भी बहुत लग सकती है।
हो सकती है डायलिसिस की आवश्यकता:
डॉ विकास ने बताया डायलिसिस रक्तशोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इस डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के वृक्क यानि गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलसिस की आवश्यकता पड़ती है। स्वस्थ व्यक्ति में गुर्दे द्वारा जल और खनिज (सोडियम, पोटेशियम क्लोराइड, फॉस्फोरस सल्फेट) का सामंजस्य रखा जाता है
किडनी के मरीजों के लिए सलाह :
* कोविड की वैक्सीन अवश्य कराएं ।
* चिकित्सक के संपर्क में रहें ।
* घर में बने सुपाच्य भोजन का ही प्रयोग करें ।
* नियमित समय पर डायलिसिस कराएं ।
* किडनी के मरीज अगर ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर की समस्या से पीड़ित हैं तो ऐसे में नियमित रूप से दवा लेते रहें ।
* ब्लड शुगर और बीपी नियमित रूप से जांच कराते रहें ।
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