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    मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना : जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का हो रहा निःशुल्क इलाज: डॉ मनीष कुमार

    मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना : जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का हो रहा निःशुल्क इलाज: डॉ मनीष कुमार

    - उपलब्ध कराई जा रही है समुचित स्वास्थ्य सेवा 

    - आरबीएसके टीम के सहयोग से पीड़ित बच्चों  का कराया जा रहा इलाज

    - 16 बच्चों का इलाज के लिए किया गया चयन

    मोतिहारी, 21 दिसंबर। पूर्वी चंपारण जिले में समुचित स्वास्थ्य  सुविधाएं स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार मुहैया कराई जा रही है। आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो रहे  और बच्चों को नई स्वस्थ्य जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है। ऐसे पीड़ित बच्चों का जिले के आरबीएसके टीम द्वारा स्क्रीनिंग कर चिह्नित किया जा रहा  और आवश्यकता के अनुसार समुचित इलाज के लिए पटना या अहमदाबाद भेजा जा रहा है। जहाँ बच्चों का सरकारी स्तर से निःशुल्क समुचित इलाज हो रहा है। 

    16 बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया : 

    सिविल सर्जन डाॅ अंजनी कुमार ने बताया कि जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का समय समय पर इलाज कराया जाता है। जिससे जिले के कई बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि, वर्तमान में जिले के 16 बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए आईजीआईसी (पीएमसीएच) पटना भेजा गया जिन बच्चों में हृदय संबंधित समस्याएं पाई गई थी। जाँच के उपरांत सभी बच्चे को चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। 

    हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के अभिभावक नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में आरबीएसके टीम से संपर्क कर ले सकते हैं लाभ : 

    जिला समन्वयक डाॅ  मनीष कुमार ने बताया, हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में आरबीएसके टीम से संपर्क कर निःशुल्क समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिला सकते हैं। वहीं, उन्होंने बताया, इस समस्या से पीड़ित बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। अन्यथा, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिन बच्चों के होठ कटे हैं, जिसके तालु में छेद है, पैर टेढ़े-मेढ़े हैं, सिर संबंधित दिक्कत, गूंगे, बहरे बच्चों का भी इलाज  करवाया जाता है। इसलिए, जो उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं, उसके अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर मुफ्त इलाज शुरू करा सकते हैं। वहीं, उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है।

    स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन : 

    बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे का बाल हृदय योजना के तहत सरकार द्वारा पूरी निःशुल्क इलाज कराया जाता है। यही नहीं, इलाज के साथ-साथ इलाज के लिए आने-षजाने का पीड़ित बच्चा सहित उनके अभिभावक का खर्च सरकार ही वहन करती है।

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