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    गर्भावस्था का आहार है स्वस्थ्य शिशु का आधार : डॉ अनुपम

    गर्भावस्था का आहार है स्वस्थ्य शिशु का आधार : डॉ अनुपम 

    - बी बी कॉलेजिएट में हुआ दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन 

    -  राज्य में 22 प्रतिशत महिलाएं कम वजन की समस्या से जूझ रहीं 

    मुजफ्फरपुर, 21 दिसंबर। 

    मातृ, शिशु एवं छोटे बच्चों को कुपोषण के दंश से बचाने के लिए बी बी कॉलेजिएट के सभागार में  दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हुआ। इस प्रशिक्षण में सीएचसी कांटी, सकरा रेफ़रल अस्पताल एवं सदर अस्पताल के डाक्टरों एवं नर्सों को एमआईवायसीएन सेवाओं (मातृ, नवजात एवं शिशु पोषण सेवा) एवं गुणवत्ता सुधार से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में तकनीकी सहयोग दे रही एसकेएमसीएच की डॉ तृप्ति सिन्हा ने कहा कि संतुलित आहार के सेवन से गर्भावस्था से लेकर प्रसव के बाद मां एवं नवजात शिशु को होने वाली कई परेशानियों एवं बीमारियों से बचा जा सकता है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से हमें यह सीखने का मौका मिलता है कि मां को  कैसा भोजन दें जिससे दो वर्ष तक मां और नवजात दोनों के लिए पर्याप्त पोषण मिलता रहे। वहीं स्तनपान के सही तरीकों का भी प्रशिक्षण इस कार्यशाला में दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण सह कार्यशाला अलाइव एंड थ्राइव और एसकेएमसीएच की तरफ से आयोजित किया जा रहा है।  

    कार्यकारी निदेशक ,एलाइव एंड थ्राइव डॉ अनुपम श्रीवास्तव ने बताया “एक गर्भवती महिला के लिए यह जरूरी है कि वह पोषक तत्वों से भरपुर आहार खाए।" इससे उसे अपने और गर्भस्थ  शिशु के लिए जरूरी सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकेंगे। उसके आहार में विविधता होनी चाहिए जिससे माँ और बच्चे दोनों का शारीरिक और बौद्धिक विकास सही तरीके से हो सके। उसके आहार में अधिक विटामिन और खनिज, विशेष रूप से फॉलिक एसिड और आयरन की जरूरत है। 

    दक्षता में होगी वृद्धि:

    मौके पर एलाइव एंड थ्राइव से डॉ अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से परिचारिकाओं की दक्षता में गुणात्मक वृद्धि होगी। जिससे मातृ एवं नवजात शिशु के स्वास्थ्य के सभी लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एवं सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का होना चाहिए। मौके पर इस दो दिवसीय प्रशिक्षण मे एलाइव एंड थ्राइव की कार्यकारी निदेशक डॉ अनुपम, एसकेएमसीएच से डॉ तृप्ति, एवं जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर, ए एन एम , जी एन एम इत्यादि मौजूद थे।

    राज्य में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की स्थिति-

    22% गर्भवती महिला अंडरवेट (कम वजन) की समस्या से जूझ रही हैं।

    30% महिलाएं ही गर्भावस्था के दौरान आयरन की खुराक पूरी कर पाती हैं।

    50% महिलाएं एनीमिक (खून की कमी) हैं।

    80% महिलाएं गर्भावस्था के दौरान टी टी के इंजेक्शन की खुराक पूरी करती हैं।

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