आईडीए कार्यक्रम के पहले दिन 38 हजार लोगों ने किया दवा का सेवन
आईडीए कार्यक्रम के पहले दिन 38 हजार लोगों ने किया दवा का सेवन
- दो बच्चों में आयी उल्टी की शिकायत पर तुरंत पहुंची रेस्पांस टीम
- 14 कार्यदिवसों का होगा आईडीए कार्यक्रम
शिवहर। 22 दिसंबर
जिले में 21 दिसंबर से शुरू हुए आईडीए कार्यक्रम ने जिले वासियों का विश्वास जीतना शुरू कर दिया है। कार्यक्रम के शुरूआती दिन में ही जिले में कुल 38081 लोगों ने आईडीए कार्यक्रम के तहत आईवरमेक्टिन, डीईसी तथा अलवेंडाजोल की गोली का सेवन किया। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ केके सिंह ने कहा कि जिले में आईडीए कार्यक्रम को जबरदस्त शुरूआत मिली है। शिवहर नगर पंचायत रसीदपुर से इसकी शुरूआत एसीएमओ डॉ त्रिलोकी शर्मा ने किया था। इस दवा का सेवन दो वर्ष से ऊपर सभी लोगों को डोज पोल के मुताबिक खिलाई जाएगी। गर्भवती, धातृ महिलाएं तथा गंभीर रूप से बीमार लोगों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी।
अधिकारियों ने किया फील्ड का दौरा-
कार्यक्रम की जानाकरी लेने दूसरे दिन भीबीडीसी सलाहकार मोहन कुमार और फैमिली एंड हेल्थ वेलफेयर के क्षेत्रीय कार्यालय कंसल्टेंट प्रभात भरतिया सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी फील्ड जाकर दवा सेवन के तरीका, घर मार्किंग तथा पंजी भरने के तरीके की जांच की। प्रभात भरतिया ने कहा कि लोगों को फाइलेरिया की जानकारी पहले से है। वह दवा सेवन में भी रूचि ले रहे हैं। जिससे कार्यक्रम द्रुत गति से आगे चल रही है। वहीं डॉ के के सिंह ने कहा कि दो बच्चों में दवा के सेवन के बाद उल्टी की शिकायत थी। जिसे रेस्पांस टीम द्वारा तुरंत ही देखा गया। बच्चों को उल्टी किसी अन्य कारण से हुई थी। किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए क्विक रेस्पांस टीम का गठन किया गया है।
फाईलेरिया को मिटाने के लिए दवा जरूर लें
डॉ के के सिंह ने कहा कि फाईलेरिया एक कष्टदायक बीमारी है जो मनुष्य को अपंग बना देता है। इससे बचने के लिए आइवरमेक्टिन, डीईसी, अलवेंडाजोल की गोली को इन 14 दिनों के अंदर अपने आशा या सेविका से जरूर मांगकर खाएं। इसके लक्षण को उभरने में 8 से 10 साल लगते हैं। जिससे समय रहते इसका बचाव नहीं हो पाता । इस बीमारी का अन्य कोई उपचार नहीं है। इसलिए एमडीए के तहत आइडीए दवा जरूर खाएं।
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