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    सजग अभियान: महाचौपाल में 'फिर एक नजर' 16वीं कड़ी पर हुई चर्चा

    सजग अभियान: महाचौपाल में 'फिर एक नजर' 16वीं कड़ी पर हुई चर्चा

    -  आईसीडीएस बिहार एवं सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस के प्रयास से 2020 में सजग अभियान हुआ आरंभ  

    - 99528 पालकों तक पहुंचा सजग संदेश

    मुजफ्फरपुर, 22 दिसंबर । सजग अभियान पैरेन्टिंग कार्यक्रम के 15 संदेश पूरे होने के अवसर पर मुजफ्फरपुर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस) द्वारा बुधवार को महाचौपाल का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सजग ऑडियो कार्यक्रम की 16वी कड़ी “फिर एक नजर” पर चर्चा की गयी। यह ऑडियो अभी तक पालकों तक पहुंचाए गये 15 ऑडियो संदेशों का दुहराव है। चौपाल के दौरान सभी प्रतिभागियों ने अलग अलग संदेशों से जुड़े अपने अनुभवों एवं पालकों में हो रहे बदलाव के बारे में विस्तार से चर्चा की। 

    अब तक भेजी गयी कडियों में “गुड़िया का समय”, अनचाहा व्यवहार, पौधे पानी और धूप एवं “कलह से शांति की ओर” कड़िया अभिभावकों को खूब पसंद आयी हैं। वो इन कडियों से मिली सीख जैसे कि बच्चों के साथ खेलना, समय बिताना, बच्चों के लालन पालन में पिता की भूमिका को अपने जीवन में उतारने का प्रयास भी कर रहे है। 

    पिछले वर्ष कोरोना महामारी की स्थिति में बच्चों के विकास की प्रक्रिया निरंतर जारी रहे इस उद्देश्य से आईसीडीएस निदेशालय बिहार एवं सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस के संयुक्त प्रयास से सितम्बर 2020 में सजग अभियान  प्रारंभ किया गया। 

    हर 15 दिन में बच्चों के लालन-पालन से जुड़ी एक जरूरी जानकारी पर आधारित लगभग पांच मिनट के संदेश सीएलआर द्वारा तैयार किया जाते हैं। ये संदेश डायरेक्ट्रेट महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जिलों के कार्यक्रम अधिकारियों को व्हाट्सएप के जरिए भेजा जाता है। जिसे वो अपने सीडीपीओ को और फिर सभी सीडीपीओ अपने पर्यवेक्षिकाओं को भेजते हैं।

    पर्यवेक्षिकाएं संदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भेजती हैं। पोषण आहार वितरण, अन्नप्राशन एवं गृहभेंट के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पालकों के घरों में जाकर इन संदेशों को उन्हें सुनाकर जरूरी बातें समझाती हैं।

    संदेश पर प्रत्येक स्तर (डीपीओ से लेकर सेविका) पर साझी समझ बन सके इसलिए चौपाल का आयोजन किया जाता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अपने सीडीपीओ की, सीडीपीओ अपने पर्यवेक्षिकाओं और पर्यवेक्षिकाएं अपनी कार्यकर्ताओं की समझ बनाने हेतु चौपाल करती हैं। इस तरह सभी स्तरों पर अमले के लोग एक दूसरे के अनुभव से सीख पाते हैं और कार्यकर्ता की समझ तैयार कर पाते हैं ताकि वो पालकों को बातें भली-भांति समझा सके।

    इस कार्यक्रम के जरिये छोटे बच्चों के लालन पालन से जुड़ी जरूरी बातों की जानकारी ऑडियो श्रृंखला के रूप में पालकों तक पहुंचायी जा रही है। जिससे माता-पिता को बच्चे के विकास में सहायक घर का वातावरण बनाने एवं बच्चों के भावी जीवन को गढने की क्षमता तैयार करने में खूब मदद मिल रही है। 

    अब तक जिले में 5617 सेविकाओं द्वारा 99528 पालकों तक सजग संदेश पहुंचाए गये हैं। इस कार्यक्रम में सभी सीडीपीओ और एलएस भी उपस्थित थी।

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