10 करोड़ टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग की अहम भूमिका, उत्साह व सहयोगात्मक रवैये से किया काम
10 करोड़ टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग की अहम भूमिका, उत्साह व सहयोगात्मक रवैये से किया काम
वैशाली,29 दिसंबर।
देश सहित पूरे विश्व में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए अभी तक वैक्सीनेशन ही एकमात्र सशक्त माध्यम है। 16 जनवरी से शुरू हुए इस कार्यक्रम में जिले के स्वास्थ्य विभाग, फ्रंटलाइन वर्कर और आम जनों का काफी सहयोग रहा है। शून्य से लेकर अपने 10 करोड़ की यात्रा में टीकाकरण कार्यक्रम की राह में कई बाधाएं भी आयीं पर स्वास्थ्यकर्मियों की बदौलत उसे भी पार कर लिया गया। यह सारी सफलता बहुत ही चरणबद्ध तरीके से कम समय में हासिल हुई। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ उदय नारायण सिन्हा कहते हैं कि टीकाकरण की इस मुहिम में एएनएम हमारी बैकबोन बनी रहीं। रविवार को छोड़कर बाकी पर्व -त्यौहार के दिन भी हमारे 500 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी प्रतिदिन टीकाकरण अभियान में लगे रहे। आज जिला ने अपने सेकेंड डोज के ड्यू लिस्ट में से 88 प्रतिशत लोगों को टीकाकृत किया है। इसके अलावा जिले में 76.5 प्रतिशत लोगों ने प्रथम डोज का टीका लगवाया है। हम कह सकते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक व्यक्ति ने टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने हिस्से का सर्वश्रेष्ठ दिया है।
दिसंबर में स्वास्थ्यकर्मियों ने नहीं लिया अवकाश -
डीआईओ डॉ सिन्हा कहते हैं कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी टीकाकरण के प्रति इतने प्रतिबद्ध हैं कि दिसंबर माह में किसी स्वास्थ्यकर्मीयों ने अवकाश नहीं लिया। टीकाकरण की संख्या बढ़ाने में प्रथम डोज और सेकेंड डोज के अलग काउंटर, पिंक बूथ जैसी व्यवस्थाओं से मदद मिली। टीका एक्सप्रेस और हर घर दस्तक अभियन मंगलवार को टीकाकृत करने वाले जिले में वैशाली दूसरे स्थान पर था। जिलेवासियों से मेरी अपील है कि वे शत प्रतिशत टीका वाला जिला बनाने में विभाग की मदद खुद आगे आकर करें।
31 दिसंबर तक हर दिन महाअभियान -
डॉ सिन्हा ने कहा कि 31 दिसंबर तक जितना भी समय है वह हमारे लिए टीकाकरण में महाअभियान होगा। हम अपनी पूरी शक्ति के साथ लोगों का टीकाकरण करेंगे। गुरुवार तथा शुक्रवार को भी महाअभियान चलाया जाएगा। जिसके लिए प्रतिदिन 600 स्वास्थ्यकर्मी अपनी सेवा देंगे। वहीं डीडीसी के निर्देश पर प्रत्येक दिन दस शिक्षक प्रत्येक दिन ब्लॉक कार्यालय से भी सेकेंड डोज वालों को कॉल कर टीका लेने को कह रहे हैं।
हर वक्त डटे रहते थे स्वास्थ्यकर्मी-
देसरी प्रखंड के उफरौल पंचायत के जनप्रतिनिधि पप्पू सिंह कहते हैं कि टीकाकरण के 10 करोड़ का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत का नतीजा है। जनप्रतिनिधियों के कहने मात्र से ही वह गांवों में टीकाकरण के कैंप लगाते थे। कई बार मेरे कहने पर भी स्कूलों में कैंप लगे जिससे पूरा पंचायत टीकाकृत हो पाया।
मोबलाइजेशन में कोई कसर नहीं छोड़ी-
देसरी ब्लॉक के रहने वाले सुधीर कुमार राय कहते हैं कि मैंने अपना टीकाकरण खुद कराया, पर मैंने अपने आस -पास तथा गांवों में स्वास्थ्यकर्मियों को घर -घर जाकर मोबलाइलज कर टीकाकृत करते देखा है। बिहार में पूरे हो रहे 10 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा इन्हीं स्वास्थ्यकर्मियों की वजह से हुआ है।
हर घर दी दस्तक -
गौरौल की आशा फैसिलिटेटर संजरी खातून कहती हैं कि टीकाकरण के लिए हमने हर घर में दस्तक दी। सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने इसके लिए बराबर सहयोग किया।
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