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    स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर बाढ़ जनित बीमारियों से निपटने को अलर्ट

    स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर बाढ़ जनित बीमारियों से निपटने को अलर्ट


    -  बाढ़ के समय सुरक्षित प्रसव के लिए बनी नीति

    - मोबाइल मेडिकल टीम एवं मेडिकल कैंप की तय की गई रुपरेखा


    सीतामढ़ी।18 जून

    स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को अपने ट्वीटर अकाउंट से सभी जिलों के स्वस्थ्य अधिकारियों को बाढ़ के पूर्व तथा बाद में उतपन्न होने वाली बीमारियों के प्रबंधन के प्रति अलर्ट किया था। जिस ट्वीट पर जिला का स्वास्थ्य महकमा एक्टिव हो गया है। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि बाढ़ से उत्पन्न होने वाली बीमारी के लिए विभाग पहले से ही तत्पर है। सीतामढ़ी के लगभग प्रत्येक ब्लॉक बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ के समय सर्दी, जुकाम, डायरिया, हैजा जैसी बीमारियां लोगों को अपनी जद में ले लेती है। वहीं सर्पदंश तथा एंटी रेबीज के टीके की उपलब्धता पहले से है। वहीं जहां इसकी कमी है उस पीएचसी/सीएचसी से इंडेन्ट मंगाया गया है। 


    प्रसव के लिए भी विशेष व्यवस्था 

    डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि बाढ़ के समय सुरक्षित प्रसव के लिए प्रत्येक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में वैसी महिलाओं का लिस्ट आशा द्वारा तैयार किया गया है। जिनके प्रसव का समय एक महीने या उससे कम में है। जिन महिलाओं का प्रसव में एक महीना है उन्हें सुरक्षित स्थान पर रख कर उनका प्रसव सुनिश्चित किया गया है। 


    सर्पदंश तथा एंटी रेबीज भी उपलब्ध 

    डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि सर्पदंश से बचने के लिए एवीएस तथा एंटी रेबीज की दवा भी उपलब्ध करा दी गयी है। वहीं कुछ जगहों पर यह पहले से ही मौजूद है। लोगों के स्वस्छ पानी पीने के लिए हैलोजन के टैबलेट की भी व्यवस्था है। इस टेबलेट को पानी में डालकर उसे साफ किया जाता है। यह टेबलेट क्लोरीन गैस का काम करती है। जो पानी में घुलने के बाद किटाणुओं को नष्ट कर पीने योग्य बना देती है। 

    प्रशासनिक स्तर पर भी हैं तैयारियां

    मोबाइल मेडिकल टीम एवं मेडिकल कैंप की रूपरेखा तय कर ली गई है। जिले में दो महाजाल के साथ जनरेटर सेट, पेट्रोमैक्स का आकलन कर मैपिंग कर लिया गया है। जिला अंतर्गत सभी मुख्य सड़क के यातायात के लिए सुगम  है प्रखंड से पंचायतों को जोड़ने वाली क्षतिग्रस्त सड़कों को मरम्मति कर लिया गया है। गृह रक्षा वाहिनी द्वारा राहत एवं बचाव कार्य में प्रशिक्षित 13 गृहरक्षकों तथा मोटर बोट परिचालन में प्रशिक्षित 13 गृहरक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है ।एसडीआरएफ की एक यूनिट जिला में प्रतिनियुक्त है, जिसमें 34 कार्यबल उपलब्ध है। प्रशिक्षित गोताखोरों की सूची तैयार कर ली गई है। 10 अंचलों के प्रत्येक पंचायत से 50-50 की संख्या में कुल 3300 युवकों को राहत बचाव कार्य के लिए प्रशिक्षित किया गया है ।इसके अतिरिक्त 200 आपदा मित्र को भी प्रशिक्षित किया गया है। राहत एवं बचाव दल का गठन कर लिया गया है।

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