आम बजट ने देश के किसानों एवं युवाओं को छलने और ठगने का कार्य किया।:-बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव सह गोपालगंज प्रभारी प्रोफेसर अखिलेश
आम बजट ने देश के किसानों एवं युवाओं को छलने और ठगने का कार्य किया।आज दिनांक 03.02.2021 रोज बुधवार को ब्लाॅक रोड स्थित दयाल निवास से बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव सह गोपालगंज प्रभारी प्रोफेसर अखिलेश दयाल ने केंद्र की भाजपा सरकार के द्वारा विगत 01 फरवरी को आम बजट जो केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा जो आम बजट पेश किया गया है।बस लोकलुभावन और झूठ का पीटारा है प्रदेश महासचिव ने कहा कि इस बजट में किसानों के आय दोगुनी करने की बात कही गयी है लेकिन विगत 71 दिनों से देश के अन्नदाता सङको पर अपनी जायज मांगो को लेकर कड़ाके की ठंड में सङको पर डटे हुए है लेकिन यह सरकार जबरदस्ती आम बजट को पारित कर खुद अपनी पीठ थपथपा रही है जब देश के संयुक्त किसान संगठनों का कहना है कि हमें तीन काले कानून की आवश्यकता नहीं है तो यह सरकार किसानों की बातों को क्यो नही मान लेती ।प्रदेश महासचिव ने कहा कि आम बजट की प्रशंसा में सत्ताधारी दल के लोग कह रहे हैं कि यह आभ बजट आत्मनिर्भरता को बढावा देगा लेकिन 70 सालों के सरकारी संपत्तियों को बेचना और अपने व्यापारी मित्र अडानी एवं अंबानी के खजाने को भरना ये कैसी आत्मनिर्भरता है ।प्रदेश महासचिव ने कहा कि जिस दिन आम बजट पेश किया गया पेट्रोल एवं डीजल के दामों में लगभग 3.50 रूपये की सबसे बड़ी बढोतरी की गई जो आम जनों के गाढी कमाई पर सबसे बड़ी डकैती है ।प्रदेश महासचिव ने कहा कि एक तरफ सरकार 75 वर्ष के उपर बुजुर्गों को इनकम टैक्स फाइल करने से राहत दे रही है तो वही दुसरी तरफ 60 वर्ष के रोजगार प्राप्त लोगो को भारी छटनी करने का कार्य कर रही है जो बस एक धोखा और छलावा है ।प्रदेश महासचिव ने कहा कि देश में जब भाजपा की सरकार ने आम बजट पेश किया है विशेषकर मध्यमवर्गीय परिवार,किसान,नौजवानों को निराशा और हताशा प्राप्त हुआ है।विगत एक वर्ष पुरे होने वाले है देश की यातायात की सबसे अधिक सुविधाजनक रेलवे को पुरी तरह रेड सिग्नल लगाकर आमजनों के पाॅकेट से सेंधमारी करने का काम कर रही है।प्रदेश महासचिव ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों की हिमायत करती है तो दूसरी तरफ उनके आवाज और अधिकार को दबाने के लिए दिल्ली,पंजाब,हरियाणा के बोर्डरो पर किल और तार-कांट लगाकर उनके आन्दोलन को विफल करना चाहती है जो 73 वर्षों के इतिहास में यह सबसे बड़ा आपातकाल है क्योकि जब देश के अन्नदाता सत्तासीन लोगों से खुश नहीं होंगे तो देश की उन्नति और प्रगति नही हो सकती।
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