21 से 27 नवंबर तक दंपत्ती सम्पर्क सप्ताह व 28 नवंबर से 12 दिसम्बर तक चलेगा परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा
-जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति लोगों को जागरूकता करना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य
-21 नवंबर से शुरू होगा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा
मोतिहारी। जिले में 21 नवंबर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा अभियान चल रहा है। इस अभियान में 12 दिसम्बर तक विशेष अभियान के तहत योग्य चिकित्सकों के द्वारा पुरुष नसबंदी की सेवा प्रदान किया जाएगा। 21 से 27 नवंबर तक दंपत्ति सम्पर्क सप्ताह व 28 से 12 दिसम्बर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा संपादित किया जाएगा। इसकी जानकारी डीसीएम नन्दन झा ने दी है। उन्होंने बताया की इसको लेकर राज्य द्वारा पत्र जारी किया गया है। सिविल सर्जन डॉ. रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे राज्य में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाना तथा योग्य दंपतियों को इच्छित सेवा प्रदान करना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है। जिसके लिए जिलास्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के तरफ से निर्देश दिया गया है। पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के बेहतर प्रबंधन के लिए विभागों से समन्वय के लिए जिला स्तर पर बैठक का आयोजन किया जायगा। समुदाय स्तर पर आमजन को उत्प्रेरित करने में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र आदि की भागीदारी होगी। लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ई-रिक्शा से प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
बंध्याकरण व नसबंदी कराने पर मिलेगा लाभ:
पीएसआई के जिलाप्रतिनिधि अमित कुमार ने सेवाप्रदाताओं (सीएचओ/जीएनएम/एएनएम) को पखवाड़ा के दौरान दिए जाने वाले सेवाओं पर प्रशिक्षित किया गया है साथ हीं परिवार नियोजन के साधन इन्जेक्शन अंतरा, माला एन, छाया, एवं कंडोम के उपलब्धता एवं उपयोग पर विशेष चर्चा किया साथ हीं उनके द्वारा सभी आशा फ़ैसलीटेटर को महिला बंध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी हेतु आमजनों को जागरूक लाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी भारत भूषण ने बताया कि नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए प्रोत्साहन के तौर पर दिए जाने का प्रावधान है। जबकि महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए आर्थिक लाभ दी जाती है। गर्भनिरोधक के उपयोग को बढ़ाने, गर्भनिरोधक साधनों की सामुदायिक स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करने व परिवार नियोजन के प्रति जन-जागरुकता को बढ़ाने के लिए उच्च प्राथमिकता पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
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