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    राज्य के 49 आयुष्मान आरोग्य मंदिर नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट से प्रमाणित

    •585 आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं राज्य स्तरीय एनक्वास प्रमाणित 

    •दो स्तर पर जांच के बाद स्वास्थ्य केंद्रों को किया जाता है प्रमाणित 

    पटना- राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों की गुणवत्ता एवं बेहतर स्वास्थ्य प्रदायगी के कारण एनक्वास प्रमाणीकरण में तेजी आयी है। राज्य में अब तक 49 आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एनक्वास का राष्ट्रीय प्रमाणीकरण से प्रमाणीकृत किया जा चुका है। इसके अलावा 585 आयुष्मान आरोग्य मंदिर को राज्य स्तरीय एनक्वास सर्टिफिकेशन से नवाजा जा चुका है। वहीं राज्य के 7 जिला अस्पताल, 5 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 7 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय एनक्वास सर्टिफिकेशन प्राप्त हो चुका है।  

    सभी कार्यरत एचडब्ल्यूसी को किया जाना है प्रमाणित: 

    मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में कार्यरत सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 2025 के अंत तक एनक्यूएएस से प्रमाणित करने का लक्ष्य रखा है. एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध कई तरह के सेवाओं की जांच की जाती है. यह जांच  इंटरनल और एक्सटर्नल दो स्तर पर होती है. मूल्यांकन में जिन सेवाओं की जांच की जाती हैं उनमें सर्विस प्रोविजन, क्लीनिकल सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम, पेशेंट राइट्स सहित अन्य सेवाएं शामिल हैं. इन सभी सेवाओं में एक निर्धारित अंक स्वास्थ्य संस्थानों को हासिल करने के साथ इसे सस्टेन भी करना होता है.

    प्रमाणीकरण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी: 

    एनक्यूएएस के नेशनल ऐसेसर डॉ महताब सिंह कहते हैं कि किसी एक स्वास्थ्य केंद्र के प्रमाणीकरण के लिए सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी है. यह प्रयास निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के स्वास्थ्य कर्मियों को करना होता है. इसके बावजूद प्रमाणीकरण मिले और स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके, उसके लिए वित्तीय सोर्स की मजबूती, डेटा मैनेजमेंट, स्किल्ड स्वास्थ्यकर्मी, बेहतर प्रशासनिक एवं प्रबंधन व्यवस्था, निरंतर गैप एनालिसिस, बेहतर इंफ्रा का होना बेहद ही जरूरी है.

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