मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना: वैशाली के 18 बच्चों को मिलेगा नया जीवन, आईजीआईसी पटना में होगी जांच
वैशाली: मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत वैशाली जिले के 18 बच्चों को जीवनदान मिलने वाला है। दिल में छेद जैसी गंभीर जन्मजात बीमारी से जूझ रहे इन बच्चों को विशेषज्ञ जांच और निशुल्क इलाज के लिए इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) पटना भेजा गया है।
आईजीआईसी पटना में विशेषज्ञ चिकित्सक इन बच्चों की स्क्रीनिंग करेंगे। इस जांच के उपरांत जिन बच्चों को ऑपरेशन की आवश्यकता होगी, उनका इलाज और ऑपरेशन पूरी तरह निशुल्क किया जाएगा। यह योजना हृदय रोगियों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो रही है।
वैशाली ने बनाया कीर्तिमान,145 से अधिक सफल सर्जरी:
सिविल सर्जन वैशाली, डॉ. श्याम नंदन प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष के जन्मजात रोगों से ग्रसित बच्चों की पहचान की जाती है। आरबीएसके की टीम (डॉक्टर, फार्मासिस्ट, एएनएम) प्रत्येक कार्य दिवस पर सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में जाकर बच्चों की निशुल्क जांच करती है।
1 अप्रैल 2021 से जुलाई 2025 तक वैशाली जिले में 145 से अधिक बाल हृदय रोगियों को चिन्हित कर उनका सफल ऑपरेशन कराया जा चुका है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. कुमार मनोज ने बताया कि वैशाली राज्य में सबसे अधिक ऑपरेशन करने वाले जिलों में तीसरे स्थान पर है। आईजीआईसी पटना में अब तक वैशाली से 200 से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
जाँच के बाद होगा ऑपरेशन:
डीसी आरबीएसके डॉ. शाइस्ता ने बताया कि इसी क्रम में आज फिर वैशाली से 18 बच्चों को निशुल्क जांच के लिए आईजीआईसी भेजा गया है। बीमारी की पुष्टि होने के बाद इन बच्चों को डिवाइस क्लोजर एवं सर्जरी के लिए भेजा जाएगा।
बच्चों के सुचारु आवागमन और जांच सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इस दौरान डीईआईसी प्रबंधक-सह-समन्वयक-आरबीएसके डॉ. शाइस्ता की देखरेख में फार्मासिस्ट अभिषेक कुमार और अभिजीत कुमार वैशाली से बच्चों के साथ थे। वहीं आईजीआईसी पटना में फार्मासिस्ट शशिकांत कुमार ने अस्पताल संस्थान के साथ समन्वय स्थापित कर बच्चों के आगमन, समय पर इको और अन्य जांच, तथा एंबुलेंस द्वारा प्रस्थान सुनिश्चित किया।
 
 
 
 
 
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