संचारी रोग पदाधिकारी के नेतृत्व में टीबी मरीजों के बीच हुआ पौष्टीक पोषाहार का वितरण
- मोतिहारी के तीन निजी चिकित्सक डॉ स्वस्ति सिंहा, डॉ सुशील कुमार सिन्हा, एवं डॉ राकेश कुमार 5 यक्ष्मा रोगियों को गोद लेकर पोषण सम्बन्धित करेंगे मदद
- भारत को टीबी मुक्त बनाना है
मोतिहारी। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में अग्रिम भूमिका निभाते हुए जिला यक्षमा पदाधिकारी डॉ संजीव एवं नोडल पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार ने आज शहर के निजी चिकित्स्कों से मिलकर उन्हें टीबी मरीजों को गोद लेने हेतु प्रेरित किया, जिसपर मोतिहारी शहर के तीन निजी चिकित्सक डॉ स्वस्ति सिंहा, डॉ सुशील कुमार सिन्हा, एवं डॉ राकेश कुमार 05 यक्ष्मा रोगियों को गोद लेकर पोषण सम्बन्धित मदद करने को तैयार हैं। वहीं शहर के डॉ आशुतोष शरण के द्वारा भी कई टीवी मरीजों को गोद लिया गया
जहाँ उन्होंने जल्द ही 30 टीबी मरीजों को पोषण पोटली वितरण करने पर सहमति जताया है। इसी बीच जिला यक्षमा केंद्र में आज संचारी रोग पदाधिकारी डॉ संजीव के नेतृत्व में 05 टीबी मरीजों के बीच पौष्टीक पोषाहार का वितरण किया गया। इस सम्बन्ध में डॉ संजीब ने कहा की यक्षमा मरीजों को संतुलित आहार का सेवन करना आवश्यक है। उन्होंने बताया की भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। हर साल भारत में 26 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं तथा लगभग 4 लाख लोग इस बीमारी से मरते हैं। टीबी के मरीजों के समक्ष उपचार के दौरान होने वाले खर्च के अलावा पौष्टिक आहार की भी आवश्यकता होती है, वहीं सबसे ज्यादा समस्या आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तिओं को होती है ऐसे में उनके समक्ष उपचार और जीवन यापन एक चुनौती बन जाती है।वर्ष 2030 तक विश्व को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है,निक्षय मित्र योजना’ के तहत कोई भी व्यक्ति, समूह या संस्थायें मरीजों को पोषण, उपचार व आजीविका में मददगार बनकर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में अपना योगदान दे सकते हैं। यह पूर्णतः स्वेच्छिक योजना है, जिसके तहत व्यक्ति या संस्था द्वारा मरीज के कम से कम 6 माह तक पोषण जिसमें चना, गुड़, दाल, मूंगफली, तेल, घी देना होता है। इसके लिए उन्हें स्वास्थ विभाग से पंजीयन कराना होता है, ऑनलाइन पंजीयन की भी व्यवस्था है।मौके पर डॉ संजीव, डॉ सुनील, अमरेंद्र कुमार, वर्ल्ड विजन प्रतिनिधि, सिफार प्रतिनिधि व अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौके पर मौजूद थें।
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