नियमित टीकाकरण के बढ़ावा हेतु दो दिवसीय समीक्षात्मक कार्यशाला सम्पन्न
- जिले में दो वर्ष पूर्व एक लाख 83 हजार बच्चे छुटे हुए थे, सार्थक प्रयास से अंतर कम हुआ
मोतिहारी। डब्ल्यूएचओ द्वारा आयोजित जिलास्तरीय नियमित टीकाकरण डिजिटल माइक्रोप्लान की दो दिवसीय समीक्षात्मक कार्यशाला संपन्न हुआ जिसमें सभी प्रखण्ड के नियमित टीकाकरण से संबंधित प्रभारी, एमएंडई एवं बीसीएम को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाॅ शरतचंद्र शर्मा के द्वारा प्रशिक्षण के दौरान बताया गया की नये माइक्रोप्लान में जिले के हर वार्ड को आच्छादित किया है. इसमें गर्भवती माताओं और बच्चों को टीके से आच्छादित करने के लिए हर घरों का भ्रमण कर डाटा इकठ्ठा किया गया है. उन्होंने बेहतर माइक्रोप्लानिंग के लिए सभी को धन्यवाद दिया गया। वहीं कार्यक्रम में इस प्रक्रिया में जीरो डोज के बच्चे जिन्हें एक वर्ष के भीतर पेन्टा प्रथम का खुराक नहीं मिला है उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डाॅ मनोज तुमराडा ने जिले के सभी प्रखण्ड के माइक्रोप्लान की स्थिति का विश्लेषण किया. उन्होंने बताया कि अमेरिकी ऐजेंसी गावी के द्वारा जीरो डोज के बच्चों के कवरेज के लिए विशेष प्रयास कर रही है. इस जिले में दो वर्ष पूर्व एक लाख तेरासी हजार बच्चे जीरो से छुटे हुए थे. इस प्रयास से अंतर काफी कम हुआ है. वर्तमान में पूर्ण टीकाकरण 94% तक पहूँचा है. 901 एएनएम के सहयोग से लगभग 5680 सेशन का आयोजन प्रतिमाह जिले में होता है. बिहार देश के बेहतर टीकाकरण वाले राज्य में आता है. जिले का बेहतरीन डिजिटल माइक्रोप्लान तैयार हुआ जिसमें थोड़़ी-बहुत त्रुटियों में सुधार निरंतर करना है. कार्यशाला में वीपीडी के लिए उन्होंने कहा कि टीके के साथ-साथ संबंधित रोगों यथा एएफपी, एमआर, डिफ्थेरिया, पर्टुसिस और न्यू नेटल टेटनस का लक्षण दिखने पर तत्काल सूचित भी करें ताकि उन्हें नियंत्रित किया जा सके.
कार्यक्रम को एसएमसी डाॅ धर्मेन्द्र ने नियमित समीक्षा आवश्यक बताया. कार्यशाला को समीक्षात्मक आयोजन में चाई के राज्य प्रतिनिधि डाॅ मंदार, डाॅ सुनील कुमार, रुपेश कुमार, डाॅ राहुल कुमार इत्यादि ने संबोधित किया.
कार्यशाला में राजेश तिवारी, अरुण कुमार दुबे, नरोत्तम कुमार, डाॅ शिवम, डाॅ चंदन शशिरंजन, विपुल कुमार, राकेश कुमार, संजय कुमार, डाॅ अजहर, डाॅ राहुल पाठक इत्यादि मौजूद थे.
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