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    16 सितंबर से बच्चों को एल्बेण्डाजोल खिलाकर जिलाधिकारी करेंगे कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत

    - स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ डीएम ने की बैठक 

    - छूटे हुए बच्चों के लिए19 सितंबर को मॉप-अप दिवस पर पुनः खिलाई जाएगी दवा

    - 19 वर्ष तक के 32 लाख 37 हजार 318 बच्चे खाएंगे एल्बेण्डाजोल की दवा

    मोतिहारी। 16 सितंबर को बच्चों को एल्बेण्डाजोल की दवा खिलाकर जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल करेंगे कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत।इसको लेकर जिलाधिकारी ने समाहरणालय कक्ष में स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मौके पर सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, डीसीएम नन्दन झा ने उन्हें कृमि मुक्ति दिवस के विषय में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि हर हाल में इस बात का ध्यान दें कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य हो, खाली पेट दवा न खिलाए। लाइन लिस्टिंग के अनुसार शिक्षकों व आशा के समक्ष ही दवा का सेवन कराएं। डीसीएम नंदन झा ने बताया कि 16 सितंबर दिन मंगलवार को जिले के सभी सरकारी स्कूलों, आँगनबाड़ी केंद्र में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाते हुए जिले के 32 लाख 37 हजार 318 बच्चों को एल्बेण्डाजोल दवा खिलाई जाएगी। जिले के सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र एवं सरकारी/ गैर सरकारी स्कूल के 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को अल्बेडाजोल की दवा निर्धारित उम्र के अनुसार  खिलाइ जाएगी। इसको लेकर तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि दवा से छूटे हुए बच्चों के लिए मॉप-अप दिवस का आयोजन 19 सितंबर 2025 को किया जाएगा। अल्बेडाजोल की गोली का सेवन तलिकानुसार ही होना चाहिए।

    प्रतिकूल प्रभाव प्रबंधन से घबराए नहीं:

    डीआईओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि आशा, सेविका के सामने दवा खिलाइ जाएगी। दवा देने पर कुछ बच्चों में जी मिचलाना, उल्टी, दस्त और कमजोरी जैसे कुछ साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है।  इन्हें आसानी से संभाला जा सकता है। प्रतिकूल घटना होने पर बच्चों को खुली छायादार जगह में लिटाकर आराम करवाएं और पीने का साफ पानी दें, एल्बेंडाजॉल चबा के खाने वाली गोली है। ठीक से या बिना चबाये खाने से यह गोली गले मेंअटक सकती है। बच्चे के लगातार असहज महसूस करने पर माता-पिता या अभिवावक द्वारा किसी भी चिकित्सकीय सहायता के लिए एएनएम या आशा को फोन करना चाहिए। किसी भी चिकित्सकीय सहायता/परामर्श के लिए आशा/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/एएनएम अपना मोबाइल नंबर प्रदान करें, और सुनिश्चित करें कि माता-पिता के पास निकटतम पीएचसी/प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का भी नंबर रखें।

    उन्होंने बताया कि रैपिड रिसपोन्स टीम घटना प्रबंधन के लिए तैयार रहेगी। मौके पर सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, डीआईओ डॉ शरत चंद्र शर्मा, जिला सूचना जनसम्पर्क पदाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश, डीसीएम नन्दन झा, , प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन पंकज कुमार मिश्रा, डीसी सिद्धांत कुमार, एनडीडी कोर्डिनेटर अभिजीत आनन्द  व अन्य लोग उपस्थित थे।

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