राज्य के 24 जिलों में होगी नए गर्भनिरोधक की शुरुआत
-13 जिलों में एमपीए सबक्यूटेनियस और 11 जिलों में सब डर्मल इंप्लांट का होगा क्रियान्वयन
-नोडल सलाहकार को गर्भनिरोधको के उठाव से संबंधित भी दिए गए निर्देश
पटना। आरती, पूजा, नीतू और कोमल जैसी महिलाओं को लंबे अंतराल वाले गर्भनिरोधक के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राज्य में पायलट के रूप में इस्तेमाल और सफलता के बाद एमपीए सबक्यूटेनियस और सबडर्मल इंप्लांट को अन्य 24 जिलों में विस्तारित किया जा रहा है। इसके लिए जिलों का चुनाव भी कर लिया गया है। जिन 13 जिलों में एमपीए सबकुटेनियस को क्रियान्वित किया जाएगा।
उनमें औरंगाबाद, बेगूसराय, बक्सर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मधुबनी, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान, सुपौल एवं वैशाली और जिन 11 जिलों में सबडर्मल का क्रियान्वय किया जाएगा उनमें अररिया,दरभंगा,पूर्वी चंपपारण, गया जी, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पूर्णियां, सहरसा, सारण,एवं पश्चिम चंपारण शामिल है। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, परिवार नियोजन, डॉ. सरिता ने बताया कि गर्भनिरोधकों के लिए जरूरी कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। जिलों में सेवा प्रारंभ करने के पूर्व संबंधित जिलों को परिवार नियोजन सामग्री भी उपलब्ध कराया जा रहा है। नोडल सलाहकार को गर्भनिरोधको के उठाव से संबंधित भी दिए गए निर्देश दिए जा चुके हैं।
एम्स पटना एम्स में एडिशनल प्रोफेसर सह स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ इंदिरा प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन कराने वाली अधिकतर महिलाओं की मांग सबसे अधिक ऐसे गर्भनिरोधकों की होती है जो लंबे समय के लिए हो । ऐसे में एमपीए सबक्यूटेनियस और सब डर्मल दोनों ही योग्य लाभार्थियों की मांग को पूरा करती है।
दो जिलों से हुई थी पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
गर्भनिरोधक के रूप में इस्तेमाल होने वाले एमपीए सबक्यूटेनियस (शेखपुरा एवं मुंगेर) और सब डर्मल इम्प्लांट (पटना एवं भागलपुर) की शुरुआत पायलट के तौर पर दो जिलों में की गयी थी। सबडर्मल जहां माचिस की तिली जैसी एक गर्भनिरोधक है वहीं सबक्यूटेनियस प्री लोडेड और कम चुभने वाली सूई है। दोनों का इस्तेमाल गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता है।
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