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    एमडीए अभियान के लिए राज्य स्तरीय टीओटी का हुआ आयोजन

    सीतामढ़ी- राज्य के 24 जिलों में फाईलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से एमडीए राउंड चलाया जाना है. जिसमें बांका, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, कैमूर, मुंगेर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान एवं पश्चिम चंपारण जिलों में 2 दवाएं एवं अरवल, औरंगाबाद, बेगुसराय, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर, सारण, शिवहर, शेखपुरा, सहरसा एवं वैशाली जिलों में 3 दवाएं खिलाई जाएगी. एमडीए के 14 दिनों में घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी. वहीं, मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में में 17 दिनों का बूथ बनाया जाएगा. इसके जरिये अधिक से अधिक दवा सेवन को सुनिश्चित करने में आसानी होगी. वहीं ड्रग रिफ्यूजल तोड़ना जरुरी है एवं इसके लिए ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर का रिविजिट सुनिश्चित कराना भी जरूरी है.  एमडीए राउंड में सभी सहयोगी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. उक्त बातें अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने गुरुवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित राज्य स्तरीय टीओटी की अध्यक्षता करते हुए कही. 

    डॉ. परमेश्वर ने सभी प्रतिभागियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जिलों में कैंप मोड में हाइड्रोसील का ऑपरेशन शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराते हुए मार्च 2025 तक राज्य को हाइड्रोसील मुक्त कराने में सहयोग करें. 

    सीएचओ की भूमिका होगी प्रभावी:  

    डॉ. राजेश पांडेय, डब्ल्यूएचओ के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर, ने कहा कि फाईलेरिया उन्मूलन की मुहिम में सीएचओ को प्रभावी रूप से शामिल करने एवं उनको प्रशिक्षित करने से एमडीए में सहयोग से लेकर फाईलेरिया मरीजों के स्टेज चिन्हित करने में मदद मिलेगी. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शत-प्रतिशत फाइलेरिया रोधी दवा सेवन से ही फाइलेरिया प्रसार चक्र को तोड़ा जा सकता है. 

    सीतामढ़ी के जिला वेक्टर बोर्न डिजिज कण्ट्रोल ऑफिसर डॉ आरके यादव ने फाईलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए के साथ एमएमडीपी क्लिनिक का बेहतर क्रियान्वयन भी जरुरी है. बिहार ने फाईलेरिया उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया. बिहार के सीतामढ़ी में पहली बार 2018 में एमडीए का माइक्रोप्लान बना. वहीं, 2018 में बिहार के अरवल जिले से ही देशभर में पहली बार तीन दवाओं के साथ एमडीए राउंड की शुरुआत हुयी.

    इस दौरान पिरामल फाउंडेशन से बासब रुज ने पिरामल फाउंडेशन की फाईलेरिया उन्मूलन में भूमिका पर विस्तार से चर्चा की. वहीं पिरामल फाउंडेशन की प्रीति ने भी समुदाय स्तर पर एमडीए के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला.

    वहीं, सहयोगी संस्था में शामिल सीफार, लेप्रा, पीसीआई एवं जीएचएस ने एमडीए राउंड में अपनी भूमिका पर चर्चा की.

    कार्यशाला में फाईलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ.अनुज सिंह रावत सहित राज्य के 24 जिलों से भीवीडीसीओ, भीडीसीओ,डीसीएम,भीवीडीसी कंसलटेंट सहित पिरामल एवं सीफार के डिस्ट्रिक्ट लीड एवं अन्य सहयोगी संस्थानों के प्रतनिधि भी शामिल हुए.

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