प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओं की चार बार एएनसी जांच जरूरी है: डॉ तिवारी
- समय पर जाँच व इलाज से मातृ-शिशु मृत्यु दर पर लगेगा विराम
बेतिया। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार बार एएनसी जांच जरूरी है। समय पर जाँच व इलाज से मातृ-शिशु मृत्यु दर पर विराम लगता है। ये कहना है बगहा अनुमण्डलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार तिवारी का। उन्होंने बताया कि प्रसव पूर्व जांच कराना इसलिए भी जरूरी है ताकि समय से पता चल सके कि मां और बच्चे कितने स्वस्थ हैं। प्रसव पूर्व जांचों में मुख्यतः खून, रक्तचाप और एचआइवी की जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि मातृ-मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्य सरकार गंभीर है। विभाग की सार्थक पहल के कारण मातृ-मृत्यु दर में लगातार कमी आ रही है।
बीसीएम अनिल कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के अंतर्गत पीएचसी हरनाटांड़ बगहा-2 में 95 महिलाओं की एएनसी जांच की गई। इसमें हीमोग्लोबिन, शुगर, भीडीआरएल, एचआईवी, बीपी आदि की जांच की गई। वहीं गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करते हुए उनको कैल्शियम, आयरन की 180 गोलियाँ दी गई। इस मौके पर ओ आरएस, एंटासिड, एंजाइम, बीकॉप्लैक्स सिरप व टैबलेट भी दिया गया। लाभार्थी को पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी गई। डॉ तिवारी ने कहा कि अनुमंडल क्षेत्र की आशा घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को इसके लिए प्रेरित करती हैं। इससे हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी (एचआरपी) के मामलों को चिह्नित किया जाता है। फिर उनकी उचित देखभाल की जाती है।
परिवार नियोजन के लाभार्थियों को दी जाती है प्रोत्साहन राशि:
डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क प्रसव कराए जाने की व्यवस्था उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मौके पर उपस्थित महिलाओं को बढ़ती जनसंख्या नियंत्रण पर रोक लगाने हेतु परिवार नियोजन कराए जाने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में पुरुष नसबंदी का लाभ उठाने पर लाभार्थी को ₹3000/- व उत्प्रेरक को ₹400/- रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को ₹2000/- व उत्प्रेरक को ₹300/-, प्रसव उपरांत बंध्याकरण पर लाभार्थी को ₹3000/- व उत्प्रेरक को ₹400/-, प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को ₹300/- व उत्प्रेरक को ₹150/-, गर्भपात उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को ₹300/- व उत्प्रेरक को ₹150/-, गर्भनिरोधक सुई (अंतरा) का लाभ उठाने पर लाभार्थी को ₹100/- व उत्प्रेरक को ₹100/- की सहायता राशि प्रदान की जाती है। डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएचसी स्तर पर मुफ्त एएनसी जांच की व्यवस्था की जाती है। ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिल सके।
No comments