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    फाइलेरिया प्रसार दर की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे के साथ लगेगा स्वास्थ्य शिविर: डॉ सुरेश

    -बीसीएम, एएनएम, आशा फैसिलीटेटर, सीएचओ और एएनएम को मिला प्रशिक्षण

    -नाइट ब्लड सर्वे के पहले लोगों में इसके फायदे बताना जरूरी

    सीतामढ़ी। जीएनएम कॉलेज के भवन में प्रखंड स्तरीय ​स्वास्थ्य कर्मियों का नाइट ब्लड सर्वे के लिए प्रशिक्षण का आयोजन हुआ।  इस प्रशिक्षण में मुख्यत: सफलतापूर्वक नाइट ब्लड सर्वे कराने पर जोर दिया गया। प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कि सभी प्रखंडों में होने वाले नाइट ब्लड सर्वे के साथ इस बार स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। इस दौरान सामान्य जनमानस शुगर, रक्त चाप के साथ मौसमी बीमारियों एवं अन्य रोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके पश्चात उपयोगी दवा भी वितरित की जाएगी। प्रखंड स्तरीय यह प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में सभी प्रखंड के बीएचएम, बीसीएम सहित लैब टेक्नीशियन, आशा फैसीलिटेटर, एएनएम शामिल थी। मालूम हो कि जिले में 25 नवंबर से 30 नवंबर तक नाइट ब्लड सर्वे किया जाना है। प्रत्येक स्थायी एवं अस्थाायी सत्रों पर दो दिनों दिनों का एनबीएस किया जाएगा। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार ने बताया कि  इस प्रशिक्षण के माध्यम से सही प्रकार से सैंपल लेने, उनके प्रबंधन सहित जांच के सही तरीकों को बताना था। इससे फाइलेरिया प्रसार का सही आंकड़ा उपलब्ध हो पाएगा, जिससे सर्वजन दवा अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं के एडमिनिस्ट्रेशन में आसानी होगी। एनबीएस के जागरूकता के लिए जिलाधिकारी द्वारा जिला समन्वय समिति की बैठक में जीविका, आईसीडीएस, पंचायती राज,शिक्षा विभाग जैसे विभागों से समन्वय की अपील की गयी है। वहीं सिविल सर्जन के द्वारा प्रत्येक पीएचसी/सीएचसी को अपेक्षित सहयोग के लिए कहा गया है।

    प्रशिक्षण के दौरान डब्लू एच ओ  की रिजनल कोओर्डिनेटर डॉ माधुरी देवराजु ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे पूरी तरह से वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है। इसमें प्रत्येक सत्र पर कम से कम तीन सौ सैंपल लेना आवश्यक है। नाइट ब्लड सर्वे रात में साढे आठ बजे के बाद और 12 बजे के पहले होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइलेरिया के परजीवी हमेशा रात में ही पेरिफेरल ब्लड सर्कुलेशन में निकलते हैं। स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति में भी फाइलेरिया के परजीवी हो सकते हैं।

    एनबीएस से पता चलेगा कि किस प्रखंड में कितना फाइलेरिया का प्रसार है। प्रखंड के दोनों साइट मिलाकर प्रसार दर एक प्रतिशत या उससे अधिक आने पर आगामी फरवरी में एमडीए/आइडीए कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। मौके पर सभी प्रखंडों के बीएचएम, बीसीएम,सीएचओ एवं एएनएम मौजूद थे।

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