बिहार में पहली बार हुआ “ बिहार फिल्म कॉन्क्लेव 2024का आयोजन”
कार्यक्रम के दौरान गणमान्य अतिथियों के द्वारा बिहार से फिल्म के क्षेत्र में योगदान देने वाले लोगों, शूटिंग के लिए रमणीक स्थानों के बारे में निर्मित कॉफ़ी टेबल बुक “बिहार बाईस्कोप” का लोकार्पण किया गया।
माननीय उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है । आज का दिन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और फिल्म निगम के लिए एतिहासिक दिन है, जब यहाँ के कलाकार, फिल्मकार तकनीशियन, और फिल्म से जुड़े लोग यहाँ उपस्थित है । बिहार सामाजिक, सांस्कृतिक, पौराणिक और समृद्ध एतिहासिक परंपरा का केंद्र बिंदु रहा है । यहाँ की मिट्टी के कण कण में इतिहास छुपा है । कला और सस्कृति के संवर्धन में फिल्म इंडस्ट्री की महत्वपूर्ण भूमिका है । इसके माध्यम से जनमानस को जागरूक किया जा सकता है । उन्होंने कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आपमें वो हुनर है जिसके जरिये आप बिहार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए पूरे विश्व तक पंहुचा सकते हैं । बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति इस कड़ी में एक कदम है । यह बैठक इस नीति के सुचारू क्रियान्वयन के लिए की गई है ताकि सभी भागीदारों के साथ बात की जा सकें। हम बिहार को फिल्म के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बनाना चाहते हैं।
माननीय सांसद एवं अभिनेता श्री मनोज तिवारी ने कहा कि इस नीति का कितना फायदा होगा, इसको शब्दों में नहीं बताया जा सकता है । मैं सभी निर्माता एवं निर्देशकों से आग्रह करूँगा कि बिहार में फिल्मों का निर्माण करें और फिल्म की क्वालिटी से समझौता नहीं करें । बिहार में सिनेमा हाल के भी रेनोवेशन की जरुरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर बिहार सरकार फिल्म नगरी की घोषणा करें तो हम उसपर स्टूडियो बनाने को तैयार है।
माननीय सांसद एवं अभिनेता श्री रवि किशन ने कहा कि 20 सालों की यह तपस्या थी, जो आज पूरी हुई । समस्त भोजपुरी सिनेमा की ओर से बिहार सरकार को इसके लिए धन्यवाद है । यह एक सुनहरा अवसर है । फिल्मों की शूटिंग के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी चीज है। रंगकर्मियों के लिए सारी सुविधाएँ राज्य मे ही मिले तो बिहार में भी फिल्में बननी शुरू हो जायेंगी । वन विंडो क्लीयरेंस जरूरी है ताकि उन्हें सारी सुविधाएँ एक स्थान से मिल जाए।
विकास आयुक्त, बिहार श्री चैतन्य प्रसाद ने कहा कि बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति का उद्देश्य राज्य को फिल्म निर्माण के एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित करते हुए राज्य में फिल्म निर्माण हेतु आधारभूत संरचना और रोजगार के अवसरों का विकास करना है । इस नीति के तहत फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्मों के अधिकारिक फिल्मांकन हिन्दी एवं क्षेत्रीय भाषा में किये जाने पर कई प्रकार की वित्तीय सहायता/अनुदान दिया जायेगा । अनुदान के रूप में रूपये दो करोड़ से चार करोड़ तक की राशि दी जाएगी जो पूरे देश में सर्वाधिक है। राज्य में फिल्म निर्माण से सम्बंधित विभिन्न आधारभूत संरचनाओं की स्थापना के लिए अनुदान के रूप में अधिकतम 2 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी । बिहार में निर्मित भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका, बज्जिका इत्यादि स्थानीय भाषा की फिल्मों के लिए अनुदान की राशि कुल लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत दिया जायेगा। दिसम्बर में हम इसी प्रकार का कार्यक्रम व्यापक स्तर पर मुंबई में करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सचिव, कला संस्कृति एवं युवा विभाग सह प्रबंध निदेशक, बिहार फिल्म विकास एवं वित्त निगम श्री दयानिधान पाण्डेय ने सभी कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि फिल्म प्रोत्साहन नीति इस वर्ष बिहार सरकार के द्वारा अनुमोदित कर दी गई है। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य आप सबको नीति के बारे में बताना और आपके सुझाओं और बातों को सुनना है। उन्होंने कलाकारों को बिहार में फिल्म निर्माण के लिए आमंत्रित किया और कहा की सरकार आपलोगों को हर प्रकार की सुविधा देने को तैयार है।
कार्यक्रम के दौरान बिहार फिल्म विकास एवं वित्त निगम के महाप्रबंधक श्री राहुल कुमार ने फिल्म प्रोत्साहन नीति के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने कहा कि फिल्म नीति के अंतर्गत सशक्त समिति सभी प्रकार के निर्णयों के लिए प्राधिकृत होगी । प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता मे 12 अलग अलग विभागों के पदाधिकारी की समिति हैं हैं ताकि शूटिंग की अनुमति तेजी से मिल सकें। साथ ही हमने सब्सिडी के लिए 30 दिन का समय रखा है। राज्य के अध्यनरत छात्रों को सरकार के प्रतिष्ठित फिल्म संस्थानों में पढ़ने के लिए ट्यूशन फी का भुगतान फिल्म निगम के द्वारा सीधे संस्थान को किया जायेगा।
इम्पा के अध्यक्ष श्री अभय सिन्हा ने कहा कि इम्पा बहुत ही जल्द पटना में भी एक कार्यालय खोलेगी ताकि कलाकारों को सुविधा हो और मुंबई जाने की जरुरत न पड़ें।
No comments