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    निक्षय मित्र बनें, टीबी मरीजों को सहयोग करें: डॉ रमेश चंद्रा

    - दवाओं के साथ संतुलित आहार का सेवन जरुरी 

    - निक्षय मित्र बनने पर छः माह तक देना होगा पोषण सामग्री 

    - सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान बन सकते हैं निक्षय मित्र

    - जिले में 05 हजार 5 सौ 47 टीबी मरीजों का चल रहा है इलाज

    बेतिया। निक्षय मित्र बनकर जिलेवासी अब अपने जिले के कुपोषित टीबी रोगियों की सहायता को पोषण सम्बन्धित सहयोग कर सकते हैं। ये कहना है जिले के संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा का। उन्होंने बताया कि टीबी के अधिकांश मामलों में टीबी मरीजों को कुपोषित देखा गया है। वैसे लोग आर्थिक स्थिति कमजोर होने से संतुलित आहार का सेवन नहीं कर पाते हैं। जिससे दवा का कोर्स करने के वावजूद कुपोषण के कारण वे पूर्णतः स्वस्थ नहीं हो पाते हैं। इसमें सहयोग के लिए प्रधानमंत्री निक्षय मित्र योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत जिले के आम नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान अपनी भागीदारी निभाते हुए निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें छः माह तक पोषण सामग्री का सहयोग दे सकते हैं। 

    समाज हित में है आवश्यक:

    डॉ चंद्रा ने बताया कि टीबी मरीजों का सहयोग समाज हित में जरुरी है। उन्होंने बताया कि ट्यूबरकुलोसिस नाम के बैक्टीरिया के कारण टीबी होता है। यह एक ऐसा संचारी रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के खाँसने, छिंकने पर बैक्टीरिया द्वारा हवा के ज़रिए एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। इससे बचाव के लिए इसका खात्मा होना आवश्यक है। यह तभी संभव हो सकता है जब पुराने टीबी के रोगी इलाज कराकर पूरी तरह से ठीक हों। उन्होंने बताया कि सरकार “निक्षय मित्र” बनने का सुनहरा अवसर जिले वासियों को दे रही है। ऐसे में लोगों को इस अभियान में शामिल होकर टीबी मरीजों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मैं, मेरी पत्नी, चिकित्सक एवं कई लोग टीबी मरीजों के सहयोग के लिए निक्षय मित्र बन कर पोषण सम्बन्धित सहायता कर चुके हैं। उन्होंने बताया की जिले मे 05 हजार 5 सौ 47 टीबी के मरीज हैं जिनका इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर चल रहा है। इनको सरकार द्वारा मुफ़्त दवाएं, जाँच के साथ निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत उनके खाते में 3000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। वहीं निक्षय मित्र की संख्या 53  है जिन्होंने 54 पोषण पोटली का वितरण छः माह तक किया है। अगर जिले के जिम्मेदार नागरिक, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर सरकारी संस्थान निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की मदद करने की ठान लें तो काफ़ी हद तक टीबी के प्रसार को रोका जा सकता है। उन्होंने अपील की कि निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की मदद कर पोषण संबंधित जरूरतों को पूरा करें।

    गोद लेकर 6 माह तक पौष्टिक आहार की करें व्यवस्था:

    जिला यक्षमा केंद्र के सूर्य नारायण साह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी से ग्रसित लोगों के लिए इस योजना की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने भी लोगों से अनुरोध किया है कि टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार देने हेतु आगे आएँ औऱ उन्हें गोद लेकर 6 माह तक उनके लिए पौष्टिक आहार में भूना चना, सत्तू, सोयाबिन, अंडे, गुड़, मूंगफली, बिस्किट आदि खाद्य पदार्थो की पैकेट सूची के अनुसार वितरण करें। 

    ऐसे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर योजना से जुड़ सकते हैं:

    निक्षय मित्र बनने के लिए सबसे पहले communitysupport.nikshay.in पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान पर क्लिक करें। फिर निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर इस अभियान से जुड़ सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद सुविधानुसार निक्षय सहायता के लिए टीबी रोगियों का चयन किया जा सकता है। टीबी की बीमारी से जुड़ी हर तरह की जानकारी के लिए निक्षय हेल्पलाइन नंबर 1800-11-6666 पर या जिला यक्षमा केंद्र बेतिया से भी संपर्क कर सकते हैं।

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