राज्य में 1940 महिलाओं ने किया सब डर्मल इम्प्लांट का चुनाव- डॉ. रानू सिंह
•गर्भनिरोधकों की समुदाय तक पहुँच बढ़ाने के लिए बैठक का आयोजन
•राज्य स्वास्थ्य समिति, सिफार एवं पीएसआई इंडिया के तत्वावधान में बैठक का हुआ आयोजन
पटना- आगमी 26 सितंबर विश्व गर्भनिरोधक दिवस के उपलक्ष में गर्भनिरोधकों की समुदाय तक पहुँच बढ़ाने के लिए आई.एम.ए. हॉल में बैठक आयोजित की गयी. बैठक में विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे और गर्भनिरोधकों की पहुँच का विस्तार करने की जरुरत पर चर्चा की. कार्यशाला का आयोजन राज्य स्वास्थ्य समिति, सिफार एवं पीएसआई इंडिया के तत्वावधान में किया गया. सिफार की डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने सभी विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए बैठक के उद्देश्य की जानकारी दी. डॉ. अमिता सिन्हा, सचिव, ऑब्स एंड गायिनी सोसाइटी ने राज्य में गर्भनिरोधकों की स्थिति की जानकारी दी.
इम्प्लांट की स्वीकार्यता उत्साहजनक- डॉ. रानू सिंह
बैठक को संबोधित करते हुए पीएमसीएच के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष एवं सब डर्मल इम्प्लांट की राष्ट्रीय मास्टर ट्रेनर डॉ. रानू सिंह ने कहा कि नवीन गर्भनिरोधकों से लाभुकों को अपने परिवार को सीमित करने एवं बच्चों के बीच अंतराल रखने में सहूलियत हुई है. उन्होंने बताया कि राज्य में पटना एवं भागलपुर में 1940 महिलाओं ने इम्प्लांट का चुनाव किया है. इसकी सफलता दर करीब 99.99 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि सबसे उत्साहजनक पहलु यह है कि इम्प्लांट लगा चुकी ऐसी महिलाओं की संख्या नगण्य है जिन्होंने इम्प्लांट को बीच में निकलवाया है. इम्प्लांट को और विस्तारित करने की जरुरत है जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इसके लाभ मिल सके.
गर्भनिरोधक का चुनाव हर स्त्री का अधिकार- डॉ. हिमाली सिन्हा
इंडियन सोसाइटी ऑफ़ पेरीनाटोलोजी एंड रिप्रोडक्टइव बायोलॉजी की अध्यक्ष डॉ. हिमाली सिन्हा ने बताया कि गर्भनिरोधक का चुनाव हर महिला का अधिकार है और इसमें महिला के पति के साथ पूरे परिवार का सहयोग होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपनी पसंद के गर्भनिरोधक का चुनाव करने से पहले लाभार्थी को चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए जिससे उक्त लाभार्थी के अनुकूल गर्भनिरोधक का चुनाव किया जा सके.
काउंसिलिंग एवं फॉलो अप आवश्यक- डॉ. रीता झा
अपने संबोधन में फोगसी की डॉ. रीता झा ने बताया कि गर्भनिरोधकों का लाभार्थियों तक विस्तार को बेहतर करने के लिए आवश्यक है कि लाभार्थी की हर स्तर पर काउंसिलिंग की जाये. लाभार्थी द्वारा गर्भनिरोधक का चुनाव करने के उपरांत उसका नियमित फॉलो अप करने से लाभार्थी का चुने गए गर्भनिरोधक पर विश्वास बढ़ता है. उन्होंने कहा कि गर्भनिरोधक के इस्तेमाल के दौरान अगर किसी लाभार्थी की किसी तरह की समस्या दिखे उसके निवारण के लिए भी फॉलो अप मदद करता है. काउंसिलिंग लाभार्थी महिला के साथ उसके पति की भी की जानी चाहिए.
पीएसआई इंडिया के वरीय प्रबंधक विवेक मालवीय ने उपस्थित लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया. बैठक में मीडियाकर्मी, सिफार एवं पीएसआई इंडिया के के प्रतिनिधि शामिल रहे.
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