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    फाइलेरिया मुक्त समाज से सुरक्षित होगा भविष्य

    -जीविका दीदी समूह के बीच फैलाई गयी जागरूकता 

    -स्वस्थ व्यक्ति को भी खानी है दवा

    -लगातार पांच साल खाने से कभी नहीं होती फाइलेरिया 

    समस्तीपुर। फाइलेरिया गंभीर बीमारी है। समाज के उत्थान और उन्नति के लिए फाइलेरिया मुक्त होना बहुत जरूरी है। फाइलेरिया मुक्त समाज से ही हमारा भविष्य सुरक्षित होगा। भविष्य के समृद्ध युवा पौध को तैयार करने के लिए मौजूदा बच्चों की पीढ़ी को फाइलेरिया के संक्रमण से बचाना होगा। यह समाज के शारीरिक और आर्थिक उत्थान के लिए भी बेहद जरूरी है। ये बातें जीविका दीदी के समूह को समझाते हुए शनिवार को पीरामल फाउंडेशन के नवीन कुमार मिश्रा बता रहे थे। मालूम हो कि 10 अगस्त से जिले में आईडीए अभियान की शुरूआत हो रही है। जीविका दीदी को समझाते हुए मिश्रा ने कहा कि देश में अपंगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण फाइलेरिया है। यह जितनी जटिल बीमारी है, उतना ही सरल इसका निदान भी। एमडीए (सर्वजन दवा सेवन ) अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं का लगातार पांच साल इस्तेमाल और बीमारी से मुक्ति। इसके लिए हमें तत्पर रहना होगा। अपनी सहभागिता निभानी होगी। 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खानी है और अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके उपयोग के लिए समझाना है। 

    स्वस्थ व्यक्ति को भी खानी है दवा:

    नवीन मिश्रा ने बताया कि एमडीए अभियान के दौरान दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया बीमारी की नहीं बल्कि इससे बचाव की दवा है। इसे हर स्वस्थ व्यक्ति को खाना चाहिए।  समूह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा की फाइलेरिया को आमतौर पर हांथी पांव के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी क्युलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी के उजागर होने में 5 से 15 वर्ष का समय लग जाता है। 10 अगस्त से शुरू हो रहे फायलेरिया मुक्ति अभियान अंतर्गत फायलेरिया रोधी दवा के सेवन के लिए स्कूली बच्चों और गुरु गोष्ठी मे स्कूल के सभी एचएम को भी जागरूक किया जाएगा।

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