वैक्सीन प्रीवेंटेबल डिजिज सर्विलांस कार्यशाला का आयोजन
- पैरालिसिस, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, नवजात शिशु टेटनस और खसरा रूबेला की निगरानी के लिए हुआ उन्मुखीकरण
मोतिहारी। वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजिज सर्विलांस कार्यशाला का आयोजन स्थानीय आईएमए भवन में हुआ। सिविल सर्जन डॉ. अंजनी कुमार व डीआईओ डॉ.शरतचंद्र शर्मा की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित हुई। डब्ल्यूएचओ ने यह एक दिवसीय कार्यशाला जिला के चिकित्सा पदाधिकारियों के लिए आयोजित की। मौके पर डॉ. मनोज तुमराडा, एसएमओ तथा डॉ. शरतचंद्र शर्मा, डीआईओ के द्वारा एक्यूट फ्लेसीड पैरालिसिस, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, नवजात शिशु टेटनस और खसरा रूबेला रोग निगरानी पर उन्मुखीकरण के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गईं। वहीं चिकित्सा पदाधिकारियों को नियमित टीकाकरण और एएफपी निगरानी के बारे में भी उन्मुखीकरण किया गया। चिकित्सा पदाधिकारियों को नियमित टीकाकरण की तैयारी के लिए माइक्रोप्लान की तैयारी, सर्वे और ड्यूलिस्ट के बारे में भी उन्मुखीकरण तथा समय से डेटा एंट्री तथा डाटा वैलिडेशन के लिए भी कहा गया।
नवजात शिशु को एक घंटे के अंदर मां का दूध पिलाएं, यह बेहद जरूरी है:
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. मनोज तुमराडा व डॉ शरतचंद्र शर्मा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता माताओं को मां के दूध के महत्व के बारे में प्रेरित करती रहें। नवजात शिशु को एक घंटे के अंदर मां का दूध पिलाना बेहद जरूरी है। इससे शिशु के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। साथ ही कई तरह की बीमारियों से उनकी रक्षा होती है। डीआईओ ने बताया कि शिशुओं को कम से कम 1 वर्ष तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बच्चों में निमोनिया के लक्षणों के बारे में लोगों को समय समय पर जागरूक किया जाता है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा नवजात शिशुओं और 05 साल तक के बच्चों की घर पर देखभाल के बारे में जानकारी साझा की जाती है। जिले के सरकारी अस्पताल में निःशुल्क व नियमित टीकाकरण अभियान चलाया जाता है। कार्यक्रम के दौरान वीपीडी सर्विलांस वैक्सीन से रोकी जा सकने वाली बीमारियों के बारे में बात करते हुए यूनिसेफ़ के धर्मेंद्र कुमार ने टीकाकरण कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने एएफपी (एक्यूट फ्लेसीड पैरालिसिस) के मामलों और एमआर के मामलों की पहचान करने को कहा।
मौके पर डॉ. मनोज तुमराडा, डॉ. शरतचंद्र शर्मा, डीआईओ, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, एसएमसी यूनिसेफ़, चंदन कुमार, चाई प्रतिनिधि व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
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