किसी भी प्रकार का खबर व विज्ञापन के लिए सम्पर्क करे 6201984873

  • Breaking News

    एमएमडीपी किट से फाइलेरिया मरीजों को सूजन से मिलती है राहत

    - सर्वजन दवा सेवन कर हाथी पाँव होने से बचा जा सकता है

    - क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया

    मोतिहारी। "फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। इसे  हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद लोगों में कई वर्ष के बाद हाथीपांव, बढ़े हुए हाइड्रोसील, महिलाओं के स्तनों में सूजन इत्यादि के रूप में लक्षण दिखाई देता है।" यह कहना है जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार का। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में शरीर में प्रभावित स्थान पर सूजन काफ़ी हो जाती है। जिससे शरीर अपंग की तरह हो जाता है। वहीं डीभीडीसीओ डॉ शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमएमडीपी क्लिनिक पर फाइलेरिया मरीजों की जाँच की जाती है। साथ ही मरीजों को समय-समय पर एमएमडीपी किट मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती है। वहीं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा इसके उपयोग के तौर -तरीके भी सिखाए जाते हैं। 

    किट के उपयोग से फाइलेरिया मरीजों को मिलती है राहत:

    भीडीसीओ सत्यनारायण उराँव ने बताया कि तुरकौलिया, चकिया, तेतरिया, आदापुर सहित कई प्रखंडों के फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट उपलब्ध कराई गई है। जिनसे फाइलेरिया मरीजों को राहत मिलती है। वहीं पिरामल के केशव कुमार ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ फाइलेरिया मरीजों को किट के उपयोग के तरीके बताए। उन्होंने बताया कि किट में एक छोटा टब, मग, साबुन, एंटी  सेप्टिक क्रीम, पट्टी इत्यादि सामान होते हैं। इसके सहयोग से फाइलेरिया मरीज अपने जख्म को ठीक कर सकते हैं।  जिससे उन्हें काफी राहत मिलती है। वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर ने बताया कि फाइलेरिया से बचने का सबसे बेहतर उपाय है कि एमडीए अभियान के दौरान सर्वजन  दवा का सेवन करें औऱ फाइलेरिया से सुरक्षित रहें। डॉ शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया के मच्छर गंदगी में पैदा होते हैं। इसलिए इस रोग से बचने  के लिए घर के  आस-पास सफाई रखना जरूरी है। दूषित पानी व  जमे पानी पर  केरोसीन तेल छिड़क कर मच्छरों को पनपने से रोकें। उनके अनुसार सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

    No comments

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728