डेंगू, चिकनगुनिया की रोकथाम को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण
- अपने आसपास जलजमाव न होने दें, बरसात के बाद फैलता है डेंगू
मोतिहारी। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदापुर में आशा दिवस के अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार की अध्यक्षता में बैठक की गईं। जिसमें भीबीडीएस/केटीएस हरेंद्र बैठा के द्वारा उपस्थित आशा फैसिलिटेटर एवं आशा को डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण,उपचार एवं बचाव के बारे में बताया गया। बीसीएम रितेश कुमार राय ने कहा कि प्रत्येक आशा पांच घर रोज भ्रमण कर लोगों में जागरूकता फैलाएंगी। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार ने बताया कि बरसात के दिनों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से मलेरिया, चिकनगुनिया एवं डेंगू की बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि संक्रमित मच्छर के कांटने से डेंगू जैसी बीमारी फैलती है।
डेंगू से बचाव को सावधानी बरतनी जरूरी है:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि डेंगू के मच्छर साफ पानी में अंडे देते हैं। उसके अंडे से लार्वा, प्यूपा और अंत में वयस्क मच्छर बनकर मनुष्य को कांटते हैं। डेंगू बीमारी से रोकथाम के लिये सावधानी बरतनी जरूरी है।उन्होंने बताया कि अपने आसपास जलजमाव न होने दें। मच्छर जनित स्थानों को तुरंत नष्ट कर देने से मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। डेंगू बुखार का उपचार घर पर न करें। बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखायें। डेंगू की जाँच सरकारी अस्पताल में कराएं। अधिकतर मामलों में डेंगू का बुखार साधारण पैरासिटामोल गोली से ठीक हो जाता है। मरीज को ठंडे स्थान एवं आरामदायक जगह पर रखें और उसे तरल पदार्थ पिलाते रहें।
ऐसे लक्षण दिखे तो जाँच ज़रूर कराएं:
-अचानक तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द।
-आँखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द, थकान, जी मिचलाना, उल्टी आना, दस्त होना।
-त्वचा पर लाल चकत्ते, जो बुखार आने के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं।
-हल्का रक्तस्राव (जैसे नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना)।
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