डेंगू तथा चिकनगुनिया पर चिकित्सक हुए प्रशिक्षित
- वेक्टर बॉर्न के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने दिया प्रशिक्षण
- सदर में दस तथा अन्य पीएचसी पर दो बेड की हुई है व्यवस्था
वैशाली। डेंगू और चिकनगुनिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शनिवार को सदर अस्पताल परिसर में जिले के चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया गया। चिकित्सकों को यह प्रशिक्षण वेक्टर बॉर्न के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ अशोक कुमार ने दिया। उन्होंने बताया कि अभी का वातावरण डेंगू के लार्वा के लिए उपयुक्त है। समय रहते इसका प्रबंधन जरूरी हे। उन्होंने बताया कि स्व उपचार से लोगों को बचना चाहिए। लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ही नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसमें चिकित्सकों को भी लक्षण आधारित इलाज करना होता है।
सदर व पीएचसी पर अलग बेड की व्यवस्था:
प्रशिक्षण के दौरान जिला वेक्टर बॉर्न पदाधिकारी डॉ सुनील केसरी ने बताया कि डेंगू के उपचार के लिए सदर अस्पताल में 10 तथा प्रत्येक पीएचसी में दो दो बेड मच्छरदानी सहित उपलब्ध हैं। सदर अस्पताल में डेंगू जांच के लिए एलिसा किट व मशीन उपलब्ध है। डेंगू के मरीज प्रतिवेदित होने पर मरीज के घर के आस पास फॉगिंग कराया जाता है। मौके पर भीडीसीओ प्रीति आनंद, राजीव कुमार, भीबीडीसी धीरेन्द्र कुमार, राकेश कुमार समेत अन्य मौजूद थे।
डेंगू के लक्षण:
-तेज बुखार, बदन, सर, जोड़ो तथा आंखो के पीछे दर्द।
-त्वचा पर लाल धब्बे/चकते का निशान।
-नाक, मसूड़े या उल्टी के समय रक्त स्राव।
-कला पैखाना होना।
बचाव के तरीके:
-टूटे फूटे बर्तनों, एसी, फ्रिज, कूलर के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, घर के अंदर एवम अगल बगल के जगहों पर पानी न जमने दें।
-दिन में भी सोते समय मछरदानी का प्रयोग करें।
-मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का प्रयोग दिन में भी करें।
-पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने, घर के सभी कमरे को साफ सुथड़ा एवम हवादार बनाए रखें।
-जमा पानी एवम गंदगी पर कीटनाशकों का छिड़काव करें।
-गमला, फूलदान इत्यादि का पानी रोज बदलें।
-जमे हुए पानी पर मिट्टी तेल डालें।
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