जिले के स्कूलों में डेंगू से बचाव को लेकर फैलाई जा रही है जागरूकता
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी जाँच व इलाज की रहेगी व्यवस्था
- सदर अस्पताल में 10 बेड,अनुमण्डलीय अस्पतालों में 5 और पीएचसी में दो बेड की है व्यवस्था
मोतिहारी। जिले के सरकारी विद्यालयों समेत सार्वजनिक स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा डेंगू से बचाव को लेकर बच्चों व आमजनों को जागरूक किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात के बाद साफ पानी जमने के दौरान उसमें डेंगू के लार्वा पनपते हैं। जिसके कारण डेंगू के संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो जाता है। इसी से बचाव को लेकर लोगों को बताया जा रहा है कि अपने घरों के आसपास खुली पानी की टंकी, पुराने बर्तनों, कूलर, गमलों आदि में पानी जमा नहीं होने दें। साफ सफाई का ध्यान रखें, ताकि डेंगू के लार्वा की बढ़ोतरी न हो पाए।
डॉ शर्मा ने बताया कि मादा एडीज मच्छर किसी रोगी को काटता है तो डेंगू वायरस भी शरीर में प्रवेश कर जाता है। शरीर मे डेंगू वायरस का कुछ दिनों तक विकास होता है। बाद में मरीजों को बुखार; सिरदर्द; त्वचा पर लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द होता है। इसका तुरंत इलाज आवश्यक होता है। अन्यथा यह जानलेवा भी हो सकता है।
सरकारी स्तर पर जाँच व इलाज की है सुविधाएं:
डॉ शर्मा ने बताया कि डेंगू के लक्षण हों तो सरकारी अस्पतालों में जाँच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में 10 , अनुमण्डलीय अस्पताल में 5 तथा प्रत्येक पीएचसी पर दो बेड मच्छरदानी के साथ उपलब्ध है।
जिले में 2022 में मिले थे 208 मरीज:
जिले में 2022 में 208 मरीज मिले थे। जिनमें सर्वाधिक मोतिहारी शहर रक्सौल,रामगढ़वा में ज्यादातर मरीज मिले थे। वहीँ 2023 में डेंगू के एक भी मरीज नहीं मिला है। भीडीसीओ रविंद्र कुमार व धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर डेंगू प्रभावित ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एवं शहरों में नगर परिषद, नगर निगम द्वारा प्रभावित स्थानों पर फॉगिंग कराई जाती है। ताकि डेंगू मच्छर को खत्म किया जा सकें।
इन उपायों द्वारा डेंगू से सुरक्षित रह सकते हैं:
सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें।
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